- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- छतरपुर
- /
- दो वॉर्डन के बीच विवाद , छात्राओं...
दो वॉर्डन के बीच विवाद , छात्राओं ने किया थाने का घेराव - वॉर्डन का बेटा करता है परेशान
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क छतरपुर । महोबा रोड स्थित आदिम जाति कल्याण विकास विभाग में छात्रा द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि ईशानगर स्थित आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग के कन्या छात्रावास के वॉर्डन के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की वॉर्डन और छात्राएं ईशानगर थाने पहुंच गईं। कस्तूरबा गांधी छात्रावास की वॉर्डन सुमन अहिरवार का आरोप है कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या छात्रावास की वॉर्डन उमा रिछारिया आए दिन उनके साथ विवाद करती हैं और जातिगत रूप से अपमानित करती हैं। उनका कहना है कि शुक्रवार को कन्या छात्रावास में उन्होंने जो फूल पौधे लगाए थे। उन पौधों को वॉर्डन उमा रिछारिया और उनके पुत्र ने उखाड़कर फेंक दिया। पेड़ उखाडऩेे से मना करने पर वॉर्डन और उनके पुत्र ने गाली-गलौज कर वॉर्डन सुमन अहिरवार और छात्राओं को डराया-धमकाया। धमकी से डरी-सहमी छात्राएं और कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास की ईशानगर थाने पहुंच गईं और उमा रिछारिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया।
आदिमजाति के छात्रावास में बेटे के साथ रहती हैं वॉर्डन
आदिमजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या छात्रावास की वॉर्डन पर कस्तूरबा गांधी छात्रावास की वॉर्डन और छात्राओं ने आरोप लगाया है कि आदिवासी विभाग के छात्रावास की वॉर्डन छात्रावास में अपने बेटे को रखे हैं, जो छात्राओं के साथ अभद्र भाषा से बात करता है। थाने में शिकायत लेकर पहुंची कस्तूरबा गांधी छात्रावास की छात्राओं की मांग है कि बेटे को छात्रावास में न रहने दिया जाए। गौरतलब है कि कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास और आदिमजाति कल्याण विभाग का कन्या छात्रावास एक ही परिसर में आमने सामने बने हैं। यही वजह है कि आए दिन दोनों छात्रावासों के वॉर्डन के बीच विवाद होता रहता है। इसका खामियाजा दोनों छात्रावासों की छात्राओं को उठाना पड़ता है।
आखिरकार समझाइश के बाद मामला हुआ शांत
वॉर्डन और छात्राओं द्वारा थाने का घेराव किए जाने के बाद पुलिस ने दोनों छात्रावासों के वॉर्डन को बुलाकर समझाइश दी। उसके बाद मामला शांत हुआ। ईशानगर थाना प्रभारी आरएन पटैरिया ने बताया कि आदिमजाति कल्याण विभाग की छात्रावास वॉर्डन ने लिखित में दिया है कि वे अब छात्रावास में बेटे को नहीं रखेंगी। वहीं कस्तूरबा गांधी छात्रावास की वॉर्डन ने भी लिखित में भरोसा दिया है कि कोई भी बात होगी तो पुलिस और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करेंगी।
अधिकारियों को नहीं है मामले की जानकारी
छात्रावासों के वॉर्डन के बीच हुए विवाद के बाद जब आदिमजाति कल्याण विभाग के क्षेत्र संयोजक नारायण सिंह ने बात की गई तो उनका कहना था कि छात्रावास में विवाद की जानकारी उनके पास नहीं है। वहीं आदिवासी विकास विभाग जिला संयोजक आरपी भद्रसेन से मोबाइल पर जानकारी चाही गई तो उनका मोबाइल बंद था। जबकि शिक्षा विभाग के छात्रावास प्रभारी रामहित व्यास का कहना है कि कस्तूरबा गांधी छात्रावास में व्यवस्थाएं बेहतर होने की वजह से आदिम जाति विभाग के छात्रावास में छात्राएं रहना नहीं चाहती। यही वजह है कि वहां की वॉर्डन आए दिन विवाद करती हैं।
Created On :   23 Nov 2019 12:01 PM GMT