प्लाटिंग कर बेच दिया सूखा तालाब, माफिया का दुस्साहस

Dried pond sold in plating by land mafia
प्लाटिंग कर बेच दिया सूखा तालाब, माफिया का दुस्साहस
प्लाटिंग कर बेच दिया सूखा तालाब, माफिया का दुस्साहस

डिजिटल डेस्क छतरपुर। अल्प वर्षा के चलते बुन्देलखंड के सूखे तालाबों का अस्तित्व खत्म करने के लिए शहर के अंदर प्लाटिंग का खुलेआम खेल चल रहा है। हैरत की बात तो यह है कि भू-माफियाओं ने कलेक्टर रमेश भंडारी और जिला सीईओ हर्ष दीक्षित के बंगले के ठीक पीछे नरसिंह मंदिर की सीमा से लगे सूखे तालाब में बिल्डिंग तान दी है। दबंगों के ऐसे दुस्साहस पर हर किसी ने दांतों तले उंगलियां दबा ली हैं। तालाब के सूखे होने का फायदा उठा कर दबंगों द्वारा बेशकीमती जमीन को रातोंरात खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पिछले दो सालों से पर्याप्त बारिश नहीं होने से तालाब सूख गया है। शहर के प्रमुख स्थान पर सूखे तालाब को चौतरफा अतिक्रमण करने की माफिया फिराक में है। इतना ही नहीं तालाब नामोनिशान खत्म करने के लिए सीमा में लगे पत्थरों को भी गायब कर दिया गया है।
पत्थर और मुरम का अवैध खनन
    तालाब के सूखे होने की वजह से माफियाओं पत्थर और मुरम का अवैध खनन कर खनिज को ठिकाने लगाया जा रहा है। सूखे तालाब के बीच में रसूखदारों द्वारा जेसीबी लगाकर मुरम का अंधाधुंध अवैध खनन किया जा रहा है। मंदिर के श्रद्धालुओं ने बताया कि शाम ढलते ही माफियाओं द्वारा अवैध खनन कर टै्रक्टर ट्राली से खनिज का परिवहन किया जा रहा है। प्राचीन तालाब का ऐसा कोई एरिया शेष नहीं बचा है, जहां पर खुदाई नहीं की गई। तालाब के बीच बड़े-बड़े गढ्ढे के निशान यह खुद बया कर रहे हैं कि बड़ी मात्रा खनिज की निकासी की गई। खनिज माफियाओं की चहलकदमी से जहां मंदिर पुजारी और श्रद्धालु दहशत में है, वहीं प्रशासन मौन है।
सवालों के घेरे में प्रशासन की खामोशी-
    राष्ट्रीय सूखा जल सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संभागायुक्त और कलेक्टर रमेश भंडारी को मंच पर तलब कर तालाबों एवं जल स्त्रोतों से तत्काल अतिक्रमण हटाने की कड़ी हिदायत दी गई है। सीएम के आदेश का एक सप्ताह बीतने को है, ऐसे में प्रशासन की खामोशी सवालों के घेरे में है। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन रसूखदारों पर हाथ डालने का साहस नहीं जुटा पा रहा है। चर्चा है कि तालाबों के अतिक्रमण सियासी दल के कुछ नेताओं के संरक्षण में किये गये हैं। इसी के चलते प्रशासन मामला ठंडा होने के इंतजार में है। हालांकि सीएम द्वारा तालाबों एवं जलस्त्रोतों से अतिक्रमण हटाये जाने की घोषणा को विपक्ष के नेता मुद्दा बनाकर प्रशासन को घेरने की तैयारी में है। इधर राज्यमंत्री ललिता यादव ने भी सीएम की घोषणा के बाद अतिक्रमण हटाने के अभियान के समर्थन में मूवमेंट ले     होने के दावे किये गये थे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अतिक्रमण चिन्हित होने के बाद भी प्रशासन कार्रवाई से क्यों बच रहा है।

 

Created On :   8 Dec 2017 1:39 PM IST

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