मदद की मिसाल - 20 एकड़ में लगी फसल को बेचकर बनाई राशन की किटें, फिर पूरे गांव के गरीबों को बांट दीं

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 मदद की मिसाल - 20 एकड़ में लगी फसल को बेचकर बनाई राशन की किटें, फिर पूरे गांव के गरीबों को बांट दीं

डिजिटल डेस्क  छतरपुर/राजनगर । कोरोना महामारी के चलते पिछले 18 दिन से पूरा देश लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन से उन लोगों के लिए दो टाइम का भोजन मुश्किल हो गया है, जो रोजाना कमाकर खाते थे। ऐसे परिवारों की मदद के लिए देश में हर व्यक्ति यथासंभव मदद दे रहा है। इनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो जरूरतमंद लोगों की मदद को समाजसेवा नहीं बल्कि अपना फर्ज मानते हैं। 
राजनगर के खजवा गांव के किसान ने भी ऐसी ही मिसाल पेश की है। खजवा गांव के किसान बृजगोपाल पटेल के पास 20 एकड़ जमीन है। इस जमीन पर वे और उनका पूरा परिवार रात-दिन मेहनत करके फसल उगाता है। इसी फसल से उनका भरण पोषण होता है, लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन में कोई गरीब रोटी के लिए मोहताज न हो, इसके लिए उन्होंने पूरी फसल को बेच दिया और इससे मिली राशि से वे राशन सामग्री बांट रहे हैं। इधर जिले के सबसे पुराने और समृद्ध पुस्तकालयों में शामिल सरस्वती सदन पुस्तकालय समिति द्वारा भी 11 लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कराए हैं।
200 क्विंटल गेहूं को कर दिया दान 
खजवा गांव के किसान बृजगोपाल उर्फ बबलू पटेल 20 एकड़ जमीन के काश्तकार हैं। इन्होंने इस साल पूरी जमीन पर गेहूं की फसल की बुबाई की थी। पिछले पांच माह से बबलू और उनका पूरा परिवार खेत पर ही रहकर इस फसल की रखवाली से लेकर देखभाल कर रहा था। फसल से ही उनका परिवार का भरण-पोषण और खर्च चलता है। इसके अलावा आय का कोई दूसरा स्रोत नहीं है। इधर फसल जब पककर तैयार हुई तो देश में कोरोना महामारी के चलते 21 दिन का लॉकडाउन हो गया। करीब 8 हजार की आबादी वाले गांव खजवा में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं जिनके पास खेती की जमीन नहीं है। वे मजदूरी करके या किसानों के खेतों में मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लॉकडाउन के कारण उनकी मजदूरी बंद हो गई। ये परिवार अब एक-एक दाने के लिए मुंहताज हो गए। ऐसे में बृजगोपाल ने इन परिवारों की मदद करने की ठान ली। बृजगोपाल ने परिवार के लोगों ने कहा कि उनके पास तो खेती की जमीन है। गर्मियों में सब्जी आदि की फसल उगाकर खर्च चला लेंगे लेकिन हमेें ऐसे लोगों की मदद करना चाहिए। बृजगोपाल ने इस साल पैदा हुई पूरी 200 क्विंटल गेहूं की फसल को दान करने की ठान ली। कुछ गेहूं बेचकर रावत, सब्जी, नमक, तेल आदि खरीद लिया है और कुछ गेहूं को पिसवाकर आटा बनवा लिया है। वे अब पैकेट बना-बनाकर जरूरतमंद लोगों को बांट रहे हैं। उनके वितरण कार्य में उनके मित्र रामकिशुन पटेल, भगवान चरण पटेल, देवेन्द्र सोनी, पप्पू अवस्थी, जीतेन्द्र पटेल, अभिलाष, श्रीपद, हल्कके, कैलाश पटेल भी सहयोग कर रहे हैं।
सरस्वती सदन ने 11 लाख दान किए 
इधर शहर के सरस्वती सदन पुस्तकालय समिति ने भी 11 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष में भेजी है। समिति के सचिव श्रीप्रकाश पटैरिया ने 11 लाख रुपए का चैक प्रधानमंत्री राहत कोष के नाम से अपर कलेक्टर प्रेम सिंह चौहान को सौंपा। श्रीप्रकाश पटैरिया का कहना है कि जब देश संकट में है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यथासंभव मदद की अपील देश के लोगों से कर रहे हैं तो ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम हरसंभव देश की मदद करें। पटैरिया ने कहा कि उक्त राशि सरस्वती सदन पुस्तकालय समिति की है। ऐसे में इनमें हमारा व्यक्तिगत कोई योगदान नहीं है लेकिन हम सबका फर्ज है वह मैंने और समिति ने निभाया है।
 

Created On :   11 April 2020 6:39 PM IST

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