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प्रसूता को न जननी एक्सप्रेस मिली न शव वाहन, साइकिल से ले गए परिजन
डिजिटल डेस्क,सीधी। एक बार फिर मानवता को शर्मसार और अस्पताल प्रबंधन को सवालों में खड़ा करने वाला मामला सामने आया है। जब प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को जननी एक्सप्रेस मुहैया नहीं करवाई गई। इतना ही नहीं महिला की मौत के बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए शव वाहन तक नहीं मिला। मजबूरन परिजन शव को साइकिल से ले गए।
गौरतलब है कि गुरूवार की रात्रि करीब 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता रीतू पति ललन बंसल को जननी व 108 वाहन उपलब्ध न हो पाने के कारण साइकिल से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली ले जाया गया है। प्राथमिक जांच के बाद उसे प्रसव कराने के लिए भर्ती भी कर लिया गया जहां प्रसूता का सामान्य प्रसव हुआ था। जच्जा-बच्चा को स्टॉफ नर्स प्रवीण गुप्ता ने स्वस्थ बताया, लेकिन प्रसव के लगभग तीन घंटे बाद बाटल चढ़ाते ही प्रसूता की मौत हो गई। अचानक रीतू की मौत हो जाने पर परिजनों की खुशी मातम में बदल गई। बताया जा रहा है कि प्रसूता की मृत्यु के बाद प्रसव कराने वाले स्टॉफ नर्स प्रवीण गुप्ता व बीएमओ डॉ. आर.के.सतनामी गायब हो गए। इसके बाद शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया। आखिरकार परिजन शव को साइकिल पर रखकर 8 किलोमीटर तक ले गए।
मझौली सीएचसी में घटित यह घटना आग की तरह पूरे नगर में फैल गई, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र से महज 100 मी.की दूरी पर रहने वाले SDM मनोज मालवीय व BMO डॉ. आरके सतनामी को इस बात की जानकारी नहीं लगी। मौके पर पहुचे स्थानीय मीडियाकर्मियों ने जब मोबाइल से उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो मोबाइल बंद बताए गए। वहीं मझौली नगर पंचायत अध्यक्ष रूबी सिंह का कहना है कि सुबह महिला की प्रसव बाद मौत की जानकारी मिली स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही बरतने की शिकायतें आती रहती हैं जिसमें सुधार नहीं हो पा रहा है। महिला को न तो 108 और न ही जननी की सुविधा दी गई। इस कारण उसे मोटर साइकल से सीएचसी ले जाना पड़ा। वहीं उसकी मौत के बाद उसे शव वाहन उपलब्ध नहीं कराए जाने पर साइकिल से शव को ले जाना पड़ा। जिसकी जानकारी हमें भी नहीं दी गई जबकि इसके पहले जानकारी मिलने पर नगर परिषद से शव ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराए जाते हैं।
Created On :   2 Sept 2017 9:29 AM IST