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किसान कर्जमाफी घोटाला : छह समितियों के प्रबंधक सस्पेंड ,करोड़ों का मामला
![District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli! District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/no-post.png)
डिजिटल डेस्क,छतरपुर। प्रदेश सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना में किसानों का ऋण माफ हुआ हो या न हो हुआ हो लेकिन समिति प्रबंधकों की बल्ले-बल्ले हो गई है। जिले में सहकारिता में अब तक हुए बड़े घोटालों में से एक बड़ा घोटाला किसान ऋण माफी योजना का भी है। इसमें जिले की अधिकांश सहकारी समितियों के प्रबंधकों द्वारा फर्जी किसानों के नाम पर ऋण माफी में करोड़ों रूपये की गड़बड़ी की है। इस बात की पुष्टि कलेक्टर द्वारा कराई गई जांच में हो चुकी है। जांच के बाद प्रारंभिक स्तर पर कलेक्टर द्वारा पांच समिति प्रबंधकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का आदेश दिया, लेकिन इस आदेश में विसंगतियां होने के चलते इनके खिलाफ एफआईआर तो नहीं हो पाई बल्कि इनमें से चार समिति प्रबंधक इस विसंगति को आधार बनाकर हाई कोर्ट से स्टे ले आए।इस पर कलेक्टर ने सतर्क होते हुए बुधवार को छह सहकारी समितियों के प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई स्वयं न करते हुए उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं के माध्यम से करवाई। कलेक्टर के निर्देश पर समिति के प्रशासकों ने आदेश जारी करते हुए छह समिति प्रबंधकों को सस्पेंड कर दिया है।
प्रशासकों ने छह समिति प्रबंधक सस्पेंड किए
जय किसान ऋण माफी योजना में जिले में हुए घोटाले में कलेक्टर मोहित बुंदस ने कार्रवाई के दूसरे चरण में छह समिति प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं पीआर कावड़कर ने बताया कि कलेक्टर के आदेश पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा गौरिहार के अंतर्गत संचालित सेवा सहकारी समिति पड़वार, चितहरी, खेरा कसार, गौरिहार, पहरा और खड्डी के प्रशासकों को कार्रवाई के निर्देश दिए, इस पर इन समितियों के प्रबंधकों ने सेवा सहकारी समिति पड़वार के प्रबंधक राम प्रकाश हरदेनिया, चितहरी समिति प्रबंधक मनभरण सिंह, खेरा कसार समिति प्रबंधक अभिषेक अरजरिया, गौरिहार समिति प्रबंधक मनभरण सिंह यादव, पहरा समिति प्रबंधक घमंड सिंह और खड्डी समिति प्रबंधक रामधाम तिवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। निलंबन के बाद इनका कार्य स्थल उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं रखा गया है।
रिकॉर्ड फिर भी जब्त नहीं
जिले की छह सहकारी समितियों के प्रबंधकों को बुधवार को प्रशासकों द्वारा सस्पेंड तो कर दिया गया लेकिन इन समितियों का रिकार्ड जब्त नहीं किया है। ऐसे में यह समिति प्रबंधक और इनके द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी रिकार्ड में हेरफेर करने से भी नहीं चूक रहे हैं। जय किसान ऋण माफी योजना के घोटाले की जांच के लिए नियुक्त की गई 39 जांच समितियों ने कहीं से भी रिकार्ड जब्त नहीं किया है। कलेक्टर के बार-बार आदेश के बाद भी जांच समितियों के सदस्य रिकार्ड जब्त करने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं जबकि जांच समितियों में एसडीएम स्तर के अधिकारियों को रखा गया था। बुधवार को पड़वार, चितहरी, खेरा कसार, गौरिहार, पहरा और खड्डी के समिति प्रबंधकों को सस्पेंड किए जाने के बाद भी प्रशासकों ने इन समितियों का रिकार्ड लेेने का प्रयास नहीं किया जबकि समितियों का बोर्ड भंग होने से पूरे प्रशासनिक अधिकार इनके पास हैं। प्रशासक चाहते तो रिकार्ड जब्त कर सकते थे, लेकिन इनके द्वारा रिकार्ड जब्त न करके किसानों के नाम पर गड़बड़ी करने वाले समिति प्रबंधकों को बचने का रास्ता छोड़ दिया है।
हाईकोर्ट में प्रस्तुत करेंगे सबूत
व्कटहरा, मुड़ेरी, सेंधपा और वीरों समिति प्रबंधकों ने हाईकोर्ट से स्टे लिया है। इसमें इन्होंने जो तर्क प्रस्तुत किए हैं इसमें कहा है कि उन्हें सुनवाई का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया है। मैं इनके खिलाफ हाईकोर्ट में अगली सुनवाई पर इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत प्रस्तुत करूंगा। -पीआर कावड़कर, उप पंजीयक, सहकारी संस्थाएं
Created On :   19 July 2019 7:48 AM GMT