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किसानों की जमीन हड़पकर दफ्तरों के चक्कर लगवा रही सरकार : कक्का जी
डिजिटल डेस्क, कोतमा/अनूपपुर। SECL की जमुना कोतमा क्षेत्र अंतर्गत आमांडाड खुली खदान परियोजना में भूमि अधिग्रहण के बाद भी किसानों को रोजगार, मुआवजे में पक्षपात व पुनर्वास में हीलाहवाली से आक्रोशित हजारों किसान सोमवार को सड़क पर उतर आए। राष्ट्रीय किसान संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्का जी के नेतृत्व में प्रभावित किसान बैलगाड़ियों पर रैली की शक्ल में SDM कार्यालय पहुंचे और वहां घेराव कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने SECL प्रबंधन की पक्षपातपूर्ण नीति को लेकर जमकर आक्रोश जताया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर SECL प्रबंधन पर कार्रवाई करने तथा आदर्श भू-अर्जन व पुनर्वास नीति का पालन कराये जाने की मांग की गई।
कक्का जी बोले- राज्य में किसान सूखे, भुखमरी एवं कर्ज से प्रभावित
इस मौके पर किसान सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने कहा कि राज्य में किसान सूखे, भुखमरी एवं कर्ज से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार सोई हुई है। SECL ने कोयला निकालने किसानों की खेतिहर व अन्य जमीनें तो अधिग्रहीत कर लीं, लेकिन किसी को मुआवजे तो किसी को नौकरी के लिए चक्कर कटवा रही है। कोई यह नहीं सोच रहा कि जिस किसान के हाथ से जमीन गई वह खाएगा क्या और अपने परिवार को पालेगा कैसे। बेघर हुए लोगों के सामने रहवास-पुनर्वास का संकट है। शुद्ध पानी, बिजली तक को लोग मोहताज हैं, उस पर बिजली का भारी भरकम बिल झटके मार रहा है।
यह मांगे रखीं किसानों ने
स्थानीय किसान नेता अनूप त्रिपाठी, मनोज सराफ, रामानंद पान्डेय, अशोक त्रिपाठी, सुनील सराफ, राकेश शुक्ला, शिवचरण पुरी, मनोज सोनी आदि किसानों ने राज्यपाल के नाम सौंपे गये ज्ञापन में हर उस किसान जिसकी भृमि अधिग्रहीत की गई है उसे रोजगार, कोतमा तहसील को सूखा घोषित करने, किसानों के ऋण माफ करने, मनमाने बिजली बिल वापस लिये जाने, कोरजा उप क्षेत्र के प्रभावित किसानों को रोजगार देने, खदान प्रभावित बेरोजगार किसानों को पांच हजार रुपए प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता दिए जाने, खदान में होने वाले मनमाने विस्फोट पर रोक लगाने, खदान प्रभावित ८ किलोमीटर दूरी के ग्रामों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने, भू-अर्जन एवं पुनर्वास नीति का पालन कराने की मांग की है।
छावनी बना रहा SDM कार्यालय
प्रशासन ने न्यायालय परिसर में लगे टेंट को न्यायालय की गाइड लाइन एवं अनुमति ना होने का हवाला देकर हटवा दिया था, जिसको लेकर भी किसानो में भारी आक्रोश देखा गया। बाद में जनपद कार्यालय के सामने टेंट लगाया गया। किसानों के आक्रोश व उनकी बड़ी संख्या को देखते हुए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा। डीआईजी आर.के. अरूसिया व अपर कलेक्टर डा. आर. पी. तिवारी के साथ वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम प्रदर्शन पर सीधे नजर रखे रही।
Created On :   6 Nov 2017 8:26 PM IST