भूमि अधिग्रहण घोटाले में तहसीलदार सहित 46 पर FIR

FIR against 46 including the Tehsildar in land acquisition scam
भूमि अधिग्रहण घोटाले में तहसीलदार सहित 46 पर FIR
भूमि अधिग्रहण घोटाले में तहसीलदार सहित 46 पर FIR

डिजिटल डेस्क, रीवा। रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण से होने वाले फायदे के नाम पर व्यापक गड़बड़ी सामने आने पर ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज कर लिया है। सीधी जिले के इस मामले में ईओडब्ल्यू ने इस मामले में चुरहट की तत्कालीन तहसीलदार अमिता सिंह तोमर सहित 46 लोगों को आरोपी बनाया है।

इस संबंध में ईओडब्ल्यू एसपी राजेश दण्डोतिया ने बताया कि रेलवे द्वारा अधिग्रहित की जाने वाली भूमि का विधि विरुद्ध नामांतरण कर मुआवजा और रेलवे की नौकरी प्राप्त करने के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि सीधी कलेक्टर के आदेशों का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन तहसीलदार अमिता सिंह तोमन ने 40 से अधिक व्यक्तियों के नाम कच्ची टीप पर सारी विधिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए नामांतरण आदेश पारित किए। कलेक्टर द्वारा इसकी जांच कराकर प्रतिवेदन संभागायुक्त को भेजा गया। इस जांच में अमिता सिंह तोमर को दोषी पाया गया। इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू में भी हुई। शिकायत का सत्यापन किए जाने पर एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है।

रेलवे में नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा में हो गए शामिल-
रेलवे की नौकरी के लिए प्रदेश के कई जिलों के लोग इस फर्जीवाड़ा में शामिल हो गए। बताया गया है कि एक हेक्टेयर जमीन में 28 लोगों के नाम दर्ज कर एक ही दिन में नामांतरण कर दिया गया था। इस मामले में उन लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जो लोग नौकरी की लालच में अधिग्रहित होने वाली भूमि में अपना नाम दर्ज कराए। इसमें सीधी के साथ ही रीवा, सतना, पन्ना, कटनी, मुरैना, भिण्ड और ग्वालियर तक के लोग शामिल हैं।

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज-
ईओडब्लू ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420,120 बी के साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 सी, 13 (1) क, सहपठित 13 (2) का अपराध पंजीबद्ध किया है। इस प्रकरण में फिलहाल 46 आरोपी नामजद हुए है। बताया जाता है कि आरोपियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।

केबीसी में जीते थे 50 लाख-
आरोपी तहसीलदार अमिता सिंह तोमर हमेशा सुर्खियों में रहीं है। उन्होंने वर्ष 2011 में कौन बनेगा करोड़पति से पचास लाख जीते थे। हालांकि वे पांच करोड़ के करीब पहुंच गई थी, लेकिन एक जवाब गलत होने से उन्हें पचास लाख में ही संतोष करना पड़ा। बड़वानी से सेवा के दौरान पीएम मोदी को लेकर फेसबुक में टिप्पणी को लेकर भी वे सुर्खियों में आई थी। हालांकि बाद में उन्होंने फेसबुक से टिप्पणी हटा दी थी। चंबल के श्योपुर में पोस्टिंग के दौरान भी जमीनी दस्तावेजों को लेकर उन पर गंभीर आरोप लगे थे।

Created On :   25 April 2019 5:21 PM IST

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