बूढ़े पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पा रहे चार रईस बेटे, भूखे पिता ने एसडीएम से की फरियाद

Four noble sons not able to feed the old father two times a day
बूढ़े पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पा रहे चार रईस बेटे, भूखे पिता ने एसडीएम से की फरियाद
बूढ़े पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पा रहे चार रईस बेटे, भूखे पिता ने एसडीएम से की फरियाद

डिजिटल डेस्क छतरपुर बड़मलहरा । समाज कितना संवेदन शून्य हो गया है कि चार रईस बेटे मिलकर भी एक पिता को दो वक्त का भोजन नहीं दे पा रहे हैं। बागवान फिल्म की तर्ज पर यह मामला बड़मलहरा का है जहां बूढ़े पिता को बेटों की उपेक्षा एवं भूख की तड़प मिटाने के लिए एसडीएम न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। यूं तो आधुनिक समाज में जगह- जगह इस तरह के मामले देखने को मिलते है और वृद्धा आश्रम बढ़ती भीड़ इसका प्रमाण है। आर्थिक संपन्नता के बावजूद मां-बाप को कौन पाले इस पर बेटों में आपसी खींचतान जैसे विवाद समाज का वह शर्मनाक पहलू है, जो आधुनिकता की होड़ पर तमाचा है।

कस्बे के प्रतिष्ठित व्यवसायी रहे किशोरी लाल असाटी वार्ड नं.-11 के निवासी है। उन्होंने अपने चारों बेटों को पाल-पोस कर बड़ा कर दिया और अपना कारोबार भी उन्हें सौंप दिया। वृद्ध के बड़े लड़के देवकीनंदन असाटी सोने-चांदी के कारोबार के साथ किराना की दुकान है, दूसरे नम्बर के लड़के गोवर्धन असाटी के पास दो आटा चक्की दो स्पेलर, किराना की दुकान आधा दर्जन मकान व दुकान है, तीसरे नम्बर के लड़के उमाकांत के पास जनरल स्टोर की दुकान व मकान है चौथे लड़के विनोद उर्फ पप्पू के पास मकान दुकान है। एसडीएम ने लगाई फटकार जनसुनवाई में जब एसडीएम राजीव समाधिया ने वृद्ध किशोरीलाल असाटी का आवेदन देखा तो आगबबूला हो गए।

उन्होंने वृद्ध के चारों बेटों को नोटिस जारी कर तलब किया एवं फटकार लगाई। एसडीएम ने चारों बेटों को कहा कि भरण- पोषण अधिनियम 2005 के तहत वृद्ध को पूरा अधिकार कानून में दिया गया है। आप लोगों ने इंसानियत को शर्मसार करते हुए अपने पिता को दो वक्त का भोजन एवं रहने के लिए कमरा तक नहीं दिया। एसडीएम ने चारों बेटों को 2-2 हजार रुपए प्रतिमाह वृद्ध पिता को अदा करने का आदेश दिया किसी ने भी यदि आदेश का पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम न्यायालय में चारों बेटों ने न्यायालय के आदेश का पालन करने की बात कही। साथ ही इस संदर्भ में चारों बेटों ने शपथ पत्र भी एसडीएम के सामने पेश किया। वृद्ध किशोरीलाल असाटी ने जैसे ही एसडीएम का आदेश सुना तो उनकी आखें भर आईं और उन्होंने एसडीएम के प्रति आभार व्यक्त किया।

Created On :   8 May 2018 1:53 PM IST

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