लाखों कमाने का सपना दिखाकर ठग लिया - किसानों का आरोप ,कलेक्टर से की शिकायत

Fraud by showing the dream of earning lakhs - farmers allegations, complaint from collector
लाखों कमाने का सपना दिखाकर ठग लिया - किसानों का आरोप ,कलेक्टर से की शिकायत
लाखों कमाने का सपना दिखाकर ठग लिया - किसानों का आरोप ,कलेक्टर से की शिकायत

डिजिटल डेस्क घुवारा । खेती को लाभ का धंधा बनाने के चक्कर में कर्जदार हो गये किसानों ने कलेक्टर को शिकायत प्रेषित कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्हें एलोवेरा की खेती से लाखों कमाने का लालच देकर बैंक से लोन दिलाया गया । इसके लिए ग्वालियर की एक कंपनी द्वारा किसानों के साथ फसल खरीदने का अनुबंध भी किया गया किंतु जब फसल तैयार हुई तो कंपनी ने फसल खरीदने से इंकार कर दिया गया और किसानों की फसल खेतों में ही खराब हो गई । बैंक अब उन्हें नोटिस देकर पैसा मांग रहा है। 
है सरकारी योजना
असल में उद्यानिकी विभाग ने शासकीय योजना के तहत क्षेत्रीय किसानों के खेतों में एलोवेरा की खेती कराई । बिखं. क्षेत्र के ग्राम फुटवारी निवासी अमनीबाई पति गोपी लोधी, कमोदी पिता मिम्मा अहिरवार निवासी वारों, गोकुल पिता सुंदरलाल दुबे निवासी रजपुरा, रामनारायण पिता सुंदरलाल मिश्रा निवासी छाईकुआं राजाराम पिता रामसेवक तिवारी निवासी राजापुर सहित 213 किसानों ने जुलाई 2018 में उद्यानिकी मूल्य अनुबंध योजना मनरेगा के तहत एक एकड रकबा में एलोवेरा की फसल तैयार की थी। योजना के तहत किसानों को 1,39 लाख रुपये का अनुदान दिया गया। अनुदान राशि, खेत में बाड़ लगाने कटीला तार, 5 हजार एलोवेरा पौधे, नीबू, अनार के 222 फलदार पौधे रोपने व दवाईयां, मजदूरी पर 88 हजार रुपये खर्च करने का डीपीआर तैयार किया गया था। 3 वर्षीय योजना में बिखं. के 191 किसान शामिल हुऐ थे। किसान बताते कि, आयुषी सेल्स ग्वालियर और उद्धानिकी विभाग के बीच अनुबंध के तहत ऐलोवेरा फसल 3.5 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदने का करार हुआ था। परंतु खेत में फसल तैयार होनें के बाद भी खरीद नहीं की गई  परेशान किसानों ने कलेक्टर के समक्ष एक लिखित आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि, उद्धानिकी विभाग व आरुषी सेल्स ने मिलकर किसानों को बडे बडे सपने दिखाकर ठग लिया है। 
 ड्रिप स्पिंकलर में भी घालमेल
  योजना से जुडे किसानों को फसल की सिचाई हेतु प्रधानमंत्री सिचाई योजना के तहत ड्रिप स्पिंकलर प्रदान किये गये है। किसानों का आरोप है कि, आरुषी सेल्स ग्वालियर ने ड्रिप स्पिंकलर का लागत मूल्य 48.138 रुपये बताया था। किसानों के दस्तावेज लेकर बैंक ऑफ इंडिया शाखा छतरपुर से उन्होनें सिचाई सहयंत्र फायनेंस करा दिया। जिसकी किस्तवार रकम अदा करनी थी। 1 नवम्बर 2019 को बैंक ऑफ इंडिया शाखा छतरपुर ने किसानों को 68 हजार रुपये बसूली का नोटिस थमा दिया। 
इनका कहना है
मामला मेरे संज्ञान में आया है वर्किंग डे सोमवार को दिखवाता हूँ।
बीएस राजपूत सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग छतरपुर।
 

Created On :   25 Dec 2019 7:22 PM IST

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