गेहूं खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों ने करा लिया दूसरे की जमीन का पंजीयन

Hundreds of farmers got registration of others land to buy wheat
गेहूं खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों ने करा लिया दूसरे की जमीन का पंजीयन
गेहूं खरीदी के लिए सैकड़ों किसानों ने करा लिया दूसरे की जमीन का पंजीयन

डिजिटल डेस्क छतरपुर । समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए इस साल शासन द्वारा ऑन लाइन पंजीयन कराने की भी व्यवस्था दी गई है, लेकिन पोर्टल की गलती और किसानों के आपसी विवाद के चलते जिले के सैकड़ों किसानों की जमीनों का पंजीयन दूसरे किसानों ने अपने नाम से करा लिया। इसके चलते उन किसानों को अब परेशानी हो रही है जिन किसानों ने पंजीयन अभी तक नहीं कराया है। दूसरे किसानों द्वारा पंजीयन कराए जाने के बाद प्रति दिन दर्जनों किसान शिकायत लेकर खाद्य विभाग कार्यालय पहुंच रहे हंै। 
ये किसान हो रहे परेशान
टोटका देवगांव के दर्जनों किसान इसलिए अपना पंजीयन समितियों में नहीं करा पा रहे हैं, क्योंकि उनकी जमीन का पंजीयन दूसरे किसानों ने करा लिया है। किसान देवीदीन पाल, रामदयाल, मरजू, रघुनाथ, बबलू सहित अन्य किसानों की जमीनों का पंजीयन दूसरे किसानों ने करा लिया है। इसके चलते अब उनका पंजीयन नहीं हो रहा है। पीडि़त किसानों का कहना है कि वे समिति में जब पंजीयन के लिए गए तो पोर्टल उनका पंजीयन दर्ज नहीं कर रहा है बल्कि यह बता रहा है कि पूर्व में ही उनकी जमीन का पंजीयन हो चुका है। गौरतलब है कि जिले में इस साल अब तक 52 हजार किसान पंजीयन करा चुके हैं। इनमे से चार हजार पंजीयन एप से हुए हैं, उनमें ही ज्यादा शिकायत है।
पटवारी की गलती व पोर्टल में कमी होने से भटक रहे किसान
दरअसल, इस समस्या का सामना उन्हीं किसानों को करना पड़ रहा है, जिन किसानों की जमीन का पंजीयन दूसरे किसानों ने कियोस्क सेंटर या फिर अपने मोबाइल से ऑन लाइन पंजीयन किया है। मोबाइल से पंजीयन करने वाले किसानों ने पंजीयन के दौरान अपनी जमीन के खसरा नंबर के साथ- साथ दूसरे किसान की जमीन का खसरा नंबर भी दर्ज करवा दिया। इसके चलते अब उन किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है, जिन किसानों का खसरा नंबर गलती से या जानबूझकर पोर्टल में दर्ज कर दिया गया है।
गेहूं की जगह लिख दिया चना
इसी तरह से कुछ किसान इसलिए समितियों में अपना पंजीयन नहीं करा पा रहा हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी जमीन में गेहूं की उपज बोई और पटवारी ने उनके खाते में चना की उपज लिख दी है। गलत फसल की जानकारी लिखे जाने से भी सैकड़ों किसान पंजीयन कराने से महरूम हो रहे हैं। हालांकि जो किसान अपनी शिकायत लेकर अधिकारियों के पास पहुंच रहे हंै। उनकी समस्या का निराकरण अधिकारी कर रहे हंै।
पंजीयन का अंतिम दिन आज
समर्थन मूल्य पर गेहूं की उपज बेचने के लिए समितियों में पंजीयन कराने की सोमवार को अंतिम तिथि रखी गई है। आज जो किसान अपना पंजीयन करा लेंगे, उन्हीं किसानों की उपज समितियों में खरीदी जाएगी। खाद्य अधिकारी स्वाति जैन का कहना है कि पंजीयन कराने में किसानों की जो भी शिकायतें आ रही हैं। उनका मौके पर निराकरण कर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। जहां तक बात दूसरे किसानों द्वारा दूसरे किसान की जमीन का पंजीयन कराए जाने की है तो यह समस्या पोर्टल की गलती की वजह से हो रही है, लेकिन उसका समाधान भी किया जा रहा है।
 

Created On :   2 March 2020 3:08 PM IST

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