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औरंगाबाद के कैंसर निदान केंद्र के डॉक्टरों का बढ़ेगा स्टाईपन, चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज को भी सौगात
डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय के तहत आने वाले कैंसर निदान केंद्र के कनिष्ठ निवासी डॉक्टरों के विद्यावेतन (स्टाईपन) में संसोधन को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। स्नातकोत्तर डिग्री के पहले से तीसरे वर्ष में पढ़ने वाले निवासी डॉक्टरों को चिकित्सा सेवा के लिए विद्यावेतन दिया जाता है। राज्य मंत्रिमंडल ने विद्यावेतन के लिए लगने वाले 4 करोड़ 60 लाख 53 हजार 792 रुपए के वार्षिक खर्च को स्वीकृति दी है। कैंसर निदान केंद्र के लिए निवासी 1, 2 और 3 श्रेणी के 72 पदों का सृजन किया गया है लेकिन इनको दिए जाने वाले विद्यावेतन और अन्य सरकारी महाविद्यालयों के विद्यावेतन में अंतर था। इसके मद्देनजर एक समान स्तर का विद्यावेतन देने का फैसला लिया गया है। सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय से संलग्न अस्पतालों के साथ शैक्षणिक अस्पतालों में मरीजों को बेहतर उपचार के लिए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों की सेवा उपलब्ध करने के लिए 31 जनवरी 1996 के शासनादेश के अनुसार योजना लागू की गई है।
पांचवे वित्त आयोग को मंजूरी
राज्य में पांचवां वित्त आयोग कि स्थापना के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने चौथे राज्य वित्त आयोग की सिफारिशों पर सरकार के अभिप्राय को स्वीकार कर सिफारिशों को विधानमंडल में रखने के लिए वित्त विभाग को प्राधिकृत किया है। मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार पांचवें वित्त आयोग की अवधि 2019 से 2024 तक होगी। आयोग के स्थापना कि अधिसूचना जारी होने से 10 महीने की अवधि में रिपोर्ट पेश की जाएगी। भारतीय संविधान के प्रावधान के अनुसार पंचायत व नगर पालिकाओं की आर्थिक स्थिति की समीक्षा के लिए चौथे राज्य वित्त आयोग की स्थापना जे.पी. डांगे की अध्यक्षता में की गई थी।
चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज इमारत निर्माण के लिए सलाहकार नियुक्ति को मिली मंजूरी
चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की विभिन्न इमारतों के निर्माण कार्य के लिए परियोजना सलाहकार की नियुक्ति की गई है। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इसको मंजूरी दी। मेडिकल कॉलेज की विभिन्न इमारतों के निर्माण कार्य के लिए एचएचसीसी इंडिया कंपनी की नियुक्ति परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में की गई है। मेडिकल कॉलेज की विद्यार्थी क्षमता 100 है और अस्पताल 500 बेड का है। प्रदेश सरकार ने चंद्रपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को साल 2013 में मंजूरी दी थी। इसके लिए चंद्रपुर के चंदा रयतवारी में जमीन अधिग्रहित की गई है। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद साल 2015-16 में मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया है। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की विभिन्न इमारतों के निर्माण कार्य के लिए 535 करोड़ 87 लाख 8 हजार रुपए खर्च को प्रशासकीय मंजूरी दी गई है।
सलाहकार नियुक्त करने का प्रस्ताव
मेडिकल कॉलेज की इमारतों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार के उपक्रम वाली कुछ कंपनियों से टर्न की सिद्धांत पर परियोजना के लिए सलाहकार नियुक्त करने का प्रस्ताव मिला था। सेवा शुल्क और प्रस्तावित अस्पताल के तेज गति से निर्माण के लिए मिले प्रस्तावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन व मुख्य रूप से निर्माण कार्य से संबंधित एचएससीसी इंडिया लिमिटेड कंपनी को परियोजना सलाहकार के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी गई है। इस कंपनी से करार के लिए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार के मेडिकल शिक्षा विभाग के नियंत्रण वाले सरकारी मेडिकल, दंत चिकित्सा, आयुर्वेद कॉलेज के 25 करोड़ या फिर उससे ज्यादा के बजट के काम के लिए एनबीसीसी, एचआईएल, एचएससीसी सार्वजनिक उपक्रम कंपनी से दर मंगाकर टर्न की के आधार पर निर्माण कार्य के लिए नियुक्ति करने की मंजूरी दी गई है।
Created On :   30 Jan 2018 8:32 PM IST