चार करोड़ के केसीसी घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में

Investigation almost stopped in the case of 4 crore KCC scam
चार करोड़ के केसीसी घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में
चार करोड़ के केसीसी घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। सेवा सहकारी समिति में हुए केसीसी घोटाला अब ठंडे बस्ते में है। यहां पर करीब 42 किसानों के खातों में केसीसी के नाम पर 4 करोड़ 8 लाख रुपए जमा किए और आहरित कर लिए गए हैं। शिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से होने पर जांच भी करा ली गई, जांच में घोटाला उजागर हो गया और दोषियों ने राशि जमा कराने का आश्वासन दिया। इसमें से नाममात्र की राशि जमा भी करा दी गई, लेकिन न तो पूरी राशि शासन को लौटाई गई है और न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।

यह है पूरा मामला
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष जुझार सिंह बुंदेला द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बड़ामलहरा अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों में करोड़ों रुपए के घोटाला होने की शिकायत पीएमओ में की गई थी। इसके साथ ही यह शिकायत सहकारिता आयुक्त और रजिस्ट्रार से भी की गई। इस पर सहकारिता आयुक्त ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित की। इसमें सहकारिता मुख्यालय में पदस्थ उपायुक्त शिवेन्द्र देव पांडेय, अपेक्स बैंक भोपाल के सहायक महाप्रबंधक आरके श्रीवास्तव, अपेक्स बैंक के ओएसडी कमल मकाश्रे और उप प्रबंधक अपेक्स बैंक भोपाल विवेक मलिक को शामिल किया गया था। इस जांच टीम ने सेवा सहकारी समिति वीरों में केसीसी के नाम हुए घोटाले की जांच की।

इस संबंध में जब जांच टीम ने सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से पत्राचार किया तो सीईओ ने जांच टीम को पत्र क्रमांक 2741 दिनांक 1 जनवरी 18 लिखाकर बताया कि सेवा सहकारी समिति वीरों में 42 किसानों के केसीसी खातों से आहरण की अधिकतम सीमा 3 लाख होने के बावजूद इनसे करीब 4 करोड़ 8 लाख का भुगतान किया गया है। इसमें सीईओ ने जांच टीम को बताया कि सेवा सहकारी समिति वीरों के किसानों से 67 लाख 25 हजार रुपए की वसूली की जा चुकी है। शेष राशि समिति प्रबंधक ने एक माह में वसूलकर जमा कराने का लेख किया है।

पात्रता तीन लाख की भुगतान हुआ 14 लाख
बताया जाता है कि शिवेन्द्र देव पांडेय के नेतृत्व में गठित की गई चार सदस्यीय टीम ने बड़ामलहरा और वीरों पहुंचकर इस केसीसी घोटाले की जांच की। इस पर जांच टीम ने समिति प्रबंधक और अध्यक्ष से संपर्क के लिए बार-बार प्रयास किया, लेकिन इन्होंने जांच में कोई सहयोग नहीं किया। कभी मुख्यालय से बाहर होने की बात कही गई तो कभी मोबाइल अटैंड नहीं किया। इस पर जांच टीम ने परेशान होकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बड़ामलहरा से संपर्क कर सेवा सहकारी समिति वीरों के केसीसी खातेदार किसानों का रिकार्ड मांगा गया। इस पर डीएमआर अकाउंट के आधार पर जांच टीम ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की वह बेहद चौंकाने वाली है।

इस जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि खातेदार रमेश प्रसाद पटैरिया, जितेन्द्र सिंह, मातादीन पटैरिया, धीरेन्द्र सिंह, सुधीर शर्मा, रामस्वरूप मिश्रा, धर्मेन्द्र पटैरिया, नाथूराम बिंदुआ, संतोष बिंदुआ, कुसुम बिंदुआ, सुरेश बिंदुआ,धर्मेन्द्र सिंह, गुलाब बाई यादव, विकास गर्ग, वीरेन्द्र पांडेय, लखन लाल मिश्रा, घनश्याम खंगार, मोतीलाल यादव, चीनू लोधी, अर्जुन यादव, उमेश कुमार पटैरिया, रमेश यादव, रामसखी यादव, सउर, गिरजाशंकर मिश्रा, कृपाल सिंह बुंदेला, जलेब कुंवर, सुरेन्द्र शर्मा, रत्तू लोधी, शंतू राना राव, राजेन्द्र कुमार मिश्रा, सुक्की, खरगा, बाबू लाल, हल्के लोधी, राकेश, गोकुल सेन सहित कुल 42 किसानों के खातों में 11 लाख से लेकर 14 लाख 75 हजार रुपए तक जमा कराए गए, जबकि इनमें से किसी भी किसान की लिमिट तीन लाख रुपए से अधिक नहीं थी। इस राशि का भुगतान 22 जून 17 से 30 सितंबर 17 के बीच किया गया।

फर्जी हस्ताक्षरों से हुआ आहरण
जांच समिति ने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट लेख किया है कि आहरण फार्मों में जो हस्ताक्षर हैं, इनका मिलान बैंक रिकार्ड के हस्ताक्षर से नहीं हो रहा है। इसके साथ ही पंजी एक ही दिन में हड़बड़ी में तैयार की गई है। ऐसे में न तो खातेदारों के हस्ताक्षर मिलान हो रहे हैं और न ही जमानतदारों के हस्ताक्षर मेल खाते हैं। जांच टीम ने रिपोर्ट में लिखा कि मामला उजागर होने के बाद 21 नंवबर 17 से 16 जनवरी 18 के बीच साख सीमा से अधिक भुगतान की गई राशि को संबंधित खातों में एक या एक से अधिक बार में जमा कराया गया है। जांच रिपोर्ट आने तक 4 करोड़ 8 लाख में से 78 लाख 88 हजार रुपए जमा कराए गए।

इस गंभीर घोटाले में जांच टीम ने सेवा सहकारी समिति वीरों के प्रबंधक, अध्यक्ष, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बड़ामलहरा के तत्कालीन कैशियर, शाखा प्रबंधक को दोषी माना है। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की गई, लेकिन जांच रिपोर्ट आने के एक साल बाद भी अब तक इस मामले में सहकारिता अधिकारियों ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

Created On :   24 March 2019 8:56 PM IST

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