जांबाज शिवरानी और सुरेन्द्र ने मिलकर बचा लीं 7 जिंदगी -51 जानें निगल लीं बस हादसे ने 

Jambaj Shivrani and Surendra together saved 7 lives - 51 lives were swallowed by the bus accident
जांबाज शिवरानी और सुरेन्द्र ने मिलकर बचा लीं 7 जिंदगी -51 जानें निगल लीं बस हादसे ने 
जांबाज शिवरानी और सुरेन्द्र ने मिलकर बचा लीं 7 जिंदगी -51 जानें निगल लीं बस हादसे ने 

डिजिटल डेस्क सीधी । रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के शारदा पटना गांव की महज 17 वर्षीया जांबाज बेटी शिवरानी लोनिया और गांव के ही 32 वर्षीय सुरेन्द्र लोनिया की जांबाजी को सलाम हैं। मंगलवार को इन दोनों ने अपनी जान की परवाह नहीं की और नहर के 6 मीटर गहरे पानी में डूबी बस में फंसे पिता-पुत्री समेत 7 यात्रियों की जान अंतत: मिल कर बचा ली। शिवरानी ने बताया कि लगभग साढ़े 8 बजे भयंकर शोर के साथ जैसे ही बस नहर में गिरी चीख पुकार मच गई। इसी बीच लगभग 6 यात्री बस से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करते दिखे,वह तैरना जानती थी लिहाजा उसने मदद के लिए नहर में छलांग लगा दी। पीछे से सुरेन्द्र ने भी छलांग मारी। दोनों ने मिल कर अनिल तिवारी पिता अंजनी (32) बरौं रामपुर नैकिन (सीधी), सुरेश गुप्ता पिता रामसहाय (62) रामपुर नैकिन (सीधी), स्वर्णलता द्विवेदी पुत्री रामसुमिरन (25) रामपुर नैकिन (सीधी), विभा प्रजापति पुत्री दीनदयाल (20) सपनी दुआरी (सीधी), अर्चना जायसवाल पुत्री गंगा प्रसाद (23)  सरई (सीधी), सुमन चतुर्वेदी पुत्री ज्ञानेश्वर प्रसाद (20) पड़रिया कला चुरहट (सीधी) और ज्ञानेश्वर चतुर्वेदी पिता मनबहोर (50) पड़रिया कला चुरहट (सीधी) को बचा लिया।  
 इकलौते भांजे की मौत, मोटर मालिक को दिल का दौरा :-
बस नंबर एमपी 19 पी 1882 के नहर में डूबने और अपनी ही  बस में सवार अपने इकलौते भांजे की मृत्यु की खबर पर बस मालिक कमलेश्वर सिंह परिहार निवासी सिजहटा (रामपुर बघेलान)को दिल का दौरा पड़ गया। बताया गया है कि बस में उनका इकलौता भांजा दिग्विजिय सिंह (42) निवासी छतपुर कंडेक्टर था। मृतकों में दिग्विजय और बस का क्लीनर राजेन्द्र द्विवेदी पिता बैजनाथ (40) निवासी किटहा (रामपुरबघेलान) भी शामिल है। जबकि बस के नहर में गिरते ही कूद कर भागा ड्राइवर बालेन्द्र विश्वकर्मा पिता जीपी विश्वकर्मा (30) निवासी हर्दी थाना सेमरिया (रीवा) फरार है।  
गनीमत थी बहन-भाई की छूट गई बस :———-  
 सीधी के आजाद नगर निवासी लोकनाथ तिवारी ने बताया कि इसी बस से सतना के लिए उनकी बेटी और बेटे की टिकट बुक थी, लेकिन विलंब हो जाने के कारण बस छूट गई। उन्होंने बताया कि जीएनएम की परीक्षा देने के लिए बेटी के साथ बेटे को सतना जाना था। उन्होंने बताया कि बस छूट जाने के कारण दोनों को अलग से गाड़ी बुक करके सतना भेजना पड़ा।
 

Created On :   17 Feb 2021 8:49 AM GMT

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