सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की कमी, 1 या 2 स्टूडेंट्स को पढ़ाने जाते हैं टीचर्स

lack of students in government schools, teacher are in trouble
सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की कमी, 1 या 2 स्टूडेंट्स को पढ़ाने जाते हैं टीचर्स
सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की कमी, 1 या 2 स्टूडेंट्स को पढ़ाने जाते हैं टीचर्स

डिजिटल डेस्क अनूपपुर। विभिन्न योजनाओं के तहत शिक्षा के स्तर को बढ़ाने व ग्रामों में विद्यालयों की सुविधा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा विद्यालय प्रारंभ करा दिए गए हैं। जैसे-जैसे समय बीता इनमें से अधिकांश विद्यालयों के औचित्य पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े होने लगे हैं। महज एक या दो छात्रों की छात्र संख्या वाले इन विद्यालयों में व्यवस्था के तहत नियमित व अतिथि शिक्षकों को भी नियुक्त किया गया है जो शासन के लिए अतिरिक्त व्यय की वजह भी बन रही है।  सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत जिले में 37 ऐसे विद्यालय संचालित हैं जहां विद्यालय भवन व शिक्षक की व्यवस्था तो है लेकिन पढऩे के लिए निर्धारित छात्र संख्या ही उपलब्ध नहीं है और ऐसे में इन विद्यालयों में एक दो छात्रों को पढ़ाने के लिए शासन द्वारा निर्धारित दो शिक्षकों की नियुक्ति विभाग द्वारा की गई है। जिस वजह से छात्र संख्या न होने के कारण जिन छात्रों ने प्रवेश ले रखा है वह भी नियमित विद्यालय नहीं पहुंचते जो कि एक बड़ी समस्या बन गया है।
यह है विद्यालयों के हाल
जिला मुख्यालय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत संचालित 37 प्राथमिक विद्यालय में 10 से ज्यादा छात्र दर्ज नहीं हैं जिनमें अनूपपुर विकासखंड में 8 विद्यालय, जैतहरी विकासखंड में 13 विद्यालय, कोतमा विकासखंड में 4 विद्यालय तथा पुष्पराजगढ़ विकासखंड में 12 विद्यालय शामिल है। जिनमें कई वर्षों से छात्र संख्या नहीं बढ़ पाई।
शिक्षक तो उपस्थित पर बच्चे ही नहीं
विभागीय नियमों के अनुसार प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में अध्ययन के लिए  दो नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है और नियमित न होने की दशा में अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां की जाती है लेकिन इन विद्यालयों में शासन के द्वारा सभी व्यवस्थाएं दिए जाने के बावजूद छात्र की संख्या न होने की वजह से पदस्थ शिक्षक भी बच्चों के न पहुचने पर उनकी राह ताकते देखे जाते हैं।
3 वर्षों तक विद्यालय रहेगा सूना
जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित जैतहरी जनपद के सोन टोला में संचालित शासकीय प्राथमिक पाठशाला में सिर्फ एक छात्र अर्जुन बैगा पिता चंद्रिका बैगा कक्षा 4 में अध्ययनरत है। जिसके अध्यापन के लिए सहायक अध्यापक विशंभर पटेल को तैनात किया गया है। इस ग्राम में हुए सर्वेक्षण के आधार पर आगामी 3 वर्षों तक कोई भी छात्र विद्यालय जाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में अर्जुन के 5वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात छात्र विहीन विद्यालय  में सहायक अध्यापक की उपस्थिति होती रहेगी।
विभाग ने भेजा बंद करने का प्रस्ताव
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार किसी भी नए प्राथमिक विद्यालय को प्रारंभ करने के लिए कम से कम 25 छात्र संख्या होनी चाहिए  साथ ही एक किलोमीटर की परिधि के भीतर कोई दूसरा प्राथमिक विद्यालय नहीं होना चाहिए, फिर भी छात्रों की कमी से जूझ रहे इन विद्यालयों को बंद किए जाने का प्रस्ताव जिला शिक्षा केन्द्र के द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजा गया है। जिस पर अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
इनका कहना है।
शासन के पास ऐसे विद्यालयों को बंद करने या उन्हें अन्यंत्र समाहित करने के लिए पत्र लिखा गया है किंतु वहां से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।
डीएस राव, डीपीसी सर्व शिक्षा अभियान

 

Created On :   7 Dec 2017 1:19 PM IST

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