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रात दो बजे से लग जाती है पानी के लिए लंबी कतार
डिजिटल डेस्क छतरपुर/ बिजावर । तस्वीर को देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की कितनी भीषण समस्या है। ये तस्वीर है बिजावर के एरोरा गांव की जहां की आबादी दो हजार से अधिक है। दो हजार की आबादी वाले इस गांव में मात्र एक हैंडपंप और एक कुआं है। कुआं तो सूख गया लेकिन हैंडपंप अभी गांव वालों की प्यास बुझा रहा है। गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज है। वहीं पीएचई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में अभी किसी भी गंाव में पीने के पानी की समस्या नहीं है। शायद एसी कमरों में बैठ कर पीएचई विभाग के अधिकारी बिजावर के एरोरा गांव में नहीं पहुंचे है, तभी तो उन्हें इतनी भीषण समस्या नजर नहीं आ रही है।
रात से लगती है लाइन
पूरे गांव में पानी का एकमात्र साधन हैंडपंप है। हैंडपंप से पहले पानी भरने के लिए गांव के लोग रात दो बजे से ही लाइन में लग जाते हैं। रात दो बते से हैंडपंप में पानी भरने वालों की जो कतार लगना शुरू होती है, वह पूरे दिन जारी रहती है। तपती दोपहरी में जब लोग धूप और लू से बचने के लिए अपने घरों में आराम करते हैंै। उस समय एरोरा गांव के लोग लाइन में लग कर पानी भरते है। लोगों का कहना है कि अगर पहले लाइन में न लगे तो फिर दिन भर उनका पानी भरने के लिए नंबर नहीं आता है।
एक दर्जन हैंडपंप बंद
ग्रामीणों की मानें तो पूरे गांव में करीब एक दर्जन हैंडपंप लगे हुए हैं, लेकिन ज्यादातर हैंडपंप या तो खराब पड़े हुए है या कई में पानी नहीं बचा है। पानी की विकराल समस्या से जूझ रहे गांव के लोगों का कहना है कि पानी की समस्या की शिकायत जनप्रतिनिधियों से लेकर पीएचई विभाग के अधिकारियों से कई बार की गई, लेकिन कोई भी समस्या के निकराकरण के लिए आगे नहीं आ रहा है। बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे गांव वालों की खोज खबर लेने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। वहीं पानी के निए आए दिन विवाद होता है।
आए दिन होता है विवाद
एक हैंडपंप से पानी भरने के लिए जिस समय सैकड़ों लोगों की भीड़ हैंडपंप के पास लग जाती है। उस समय दिन में कई कई बार वाद विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। कई बार गांव के लोगों में पानी को लेकर मारपीट तक हो चुकी है। समय रहते अगर गांव की समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो गांव में पानी को लेकर किसी भी दिन कोई गंभीर हादसा हो सकता है। गांव के पानी की समस्या से अंजान बने पीएचई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि गांव में पीने के पानी की समस्या की जानकारी उनके पास नहीं है।
गांव में नहीं है नल जल योजना
एरोरा गांव में पीने के पानी की समस्या वर्षों पुरानी है। पानी के लिए गांव के लोग कई किलोमीटर तक दूर जाना पड़ता है। दो हजार से अधिक आबादी होने के बाद भी गांव में नल जल योजना नहीं है, जबकि शासन के स्पष्ट आदेश है कि पांच सौ से अधिक की जनसख्या वाले गांवों में नल जल योजना शुुरू कर गांव के पानी की समस्या का निराकरण करे। सवाल ये उठ रहा है कि वर्षों से गांव में जब पीने के पानी की समस्या है तो अभी तक गांव में नलजल योजना क्यो नहीं शुरू की गई।
इनका कहना है
एरोरा गांव में पीने के पानी की समस्या की जानकारी मुझे नहीं है। गांव में अगर पानी की समस्या है तो उसका निराकरण किया जाएगा। जो हैंडपंप खराब है, उन्हें ठीक करने के साथ नए हैंड पंप भी खुदवाने का काम किया जाएगा।
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Created On :   11 April 2018 1:29 PM IST