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आशा सहयोगिनी ने लौटाया पल्स पोलियो का मानदेय
डिजिटल डेस्क सीधी। जिले में आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं द्वारा पल्सपोलियो अभियान में ड्यूटी के दौरान मिलने वाले मानदेय को शासन को ही लौटा दिया है। पल्सपोलियो अभियान में तीन दिन की ड्यूटी में शासन द्वारा 225 रूपये प्रति आशा सहयोगिनी केा मानदेय के तौर पर दिया जाता है जिसे संगठन के निर्देश पर आशा कार्यकर्ताओं ने लेने से इंकार करते हुये वापस शासन केा देने का निर्णय लिया है।
मांगों का निराकरण किया जाए
इस संबंध में जिलाध्यक्ष सविता पाण्डेय ने कहा है कि शासन द्वारा आशा सहयोगिनी कार्यकर्ताओं की मागों का निराकरण नहीं किया जा रहा है। जिसको लेकर गत दिवस धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया था। धरना के दौरान ही प्रदेशाध्यक्ष द्वारा निर्णय लिया गया था कि पल्सपोलियो अभियान में आशा कार्यकर्ता काम करेंगी लेकिन मानदेय के रूप में मिलने वाली राशि वह नहीं लेंगी। इस राशि को प्रदेश सरकार को दान के रूप में वापस कर देंगी। पल्स पोलियो जैसे कार्यक्रम बच्चों के जीवन को लेकर है इसलिये इसको देखते हुये आशायें पल्सपोलियो में काम की हैं। जिलाध्यक्ष श्रीमती पाण्डेय ने कहा है कि अगर मागों का निराकरण नहीं होता है तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन 16 मार्च को भोपाल में होगा। इसके बाद भी अगर ध्यान नहीं दिया गया तो अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को यह गर्व था कि वह पोलियो अभियान में पंचायत सचिव व अन्य लोगों से काम करा लेंगे लेकिन महज 75 रूपये मानदेय पर कोई काम करने के लिये तैयार नहीं हुआ।
पोलियो अभियान रहा फ्लाप
ऐसी स्थिति में कई बूथों में नाम मात्र के लिये पोलियो खुराक पिलाई जा सकी है। इस तरह की स्थिति ग्राम भदौरा में देखी गई है। यहां तो कुसमी ब्लाक के बीई पर्यवेक्षक का भी पता नहीं था। इनके द्वारा न तो केाई रिपोर्टिंग की गई और न ही कोई व्यवस्था। जहां आशा ममता जायसवाल, आशा सहयोगिनी द्वारा बूथ व्यवस्था की जानकारी दी गई। बताया गया है कि कुसमी ब्लाक के बीई शराब के नशे में सोये हुये थे। समय बीतने के बाद वह वापस सीधी चले गये। अध्यक्ष ने कहा कि बगैर आशा सहयोगिनी के सहयोग से गांव स्तर पर योजनाएं सुचारू रूप से गति नहीं पकड़ सकती हैं।
Created On :   15 March 2018 1:28 PM IST