कोदो-कुटकी की खेती को देने नहीं हुआ कोई काम - प्रमुख सचिव ने लगाई फटकार

No work to be given to Kodo-Kutki cultivation - Principal Secretary reprimanded
कोदो-कुटकी की खेती को देने नहीं हुआ कोई काम - प्रमुख सचिव ने लगाई फटकार
कोदो-कुटकी की खेती को देने नहीं हुआ कोई काम - प्रमुख सचिव ने लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क शहडोल । जिले में आदिवासी किसानों के विकास के लिए कोदो-कुटकी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कोई काम नहीं हुआ है। कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव श्रम और जिले के प्रभारी सचिव अशोक शाह ने अधिकारियों से जानकारी ली तो वे इसके लिए आए बजट का हिसाब तक नहीं दे सके। प्रभारी सचिव ने उपसंचालक कृषि जेएस पैंद्राम को इसके लिए फटकार लगाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जब कोई काम नहीं हुआ तो शासन को राशि वापस कर देनी चाहिए थी।

गौरतलब है कि जिले के आदिवासी किसानों के विकास और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 2017-18 में 5 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई थी। शासन की योजना के तहत जिले में आदिवासी किसानों को कोदो-कुटकी की खेती के लिए प्रोत्साहित करते हुए कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग करना था। इसके साथ ही उत्पादों की मार्केटिंग भी कराना था ताकि किसानों को लाभ मिल सके और उनके जीवन स्तर में सुधार आ सके। पिछले वर्ष अक्टूबर में हुई समीक्षा के दौरान भी प्रभारी सचिव के सामने यह मामला आया था। तब उन्होंने दो माह के भीतर कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए थे। आज चार माह बाद भी वहीं स्थिति है। 
128 गांव ओलावृष्टि से प्रभावित 
प्रभारी सचिव ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान के सर्वे का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए तथा शासन को प्रस्ताव भेजा जाएं। बैठक मेें उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में लगभग 128 गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं, जिनका सर्वे का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इसी तरह जय किसान फसल ऋण माफी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि योजना के तहत अभी तक जिले में लगभग 17 हजार किसानों का 51 करोड़ 42 लाख रुपए का ऋण माफ किया जा चुका है। 
मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करें 
बैठक में प्रभारी सचिव ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के आदिवासी किसानों की जमीन पर दूसरे लोग खेती कर रहे हैं। ऐसे किसानों को चिन्हित किया जाए तथा उनको वाजिब कब्जा दिलाया जाए। आदिवासी किसानों को खेती का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले मेें मीनाक्षी योजना के अन्तर्गत बनाएं जा रहे तालाबों का उपयोग मत्स्य पालन के लिए होना चाहिए। किसानों को शासन द्वारा दी जा सुविधाओं का लाभ दिलाकर मत्स्य पालन के लिए प्रोत्साहित करें। 
जीवन में बदलाव आना चाहिए 
प्रभारी सचिव अशोक शाह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिले के किसानों तक जैविक खेती और आधुनिक खेती का लाभ पहुंचना चाहिए। जिले मेें कोदो-कुटकी की खेती को प्रोत्साहित करते हुए फसलों के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाए और तैयार उत्पादों की मार्केटिंग कराई जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी आधुनिक कृषि का लाभ जिले के आदिवासी किसानों तक पहुंचाएं। कृषि, मत्स्य पालन के माध्यम से उनके जीवन में परिवर्तन आना चाहिए। 
बुलाने पर बैठक में पहुंचे अधिकारी 
प्रमुख सचिव की समीक्षा बैठक से कलेक्टर ललित दाहिमा सहित कई अधिकारी अनुपस्थित रहे। समीक्षा के दौरान एसडीएम सोहागपुर को बुलाना पड़ा। इसी तरह परिवहन विभाग, कोऑपरेटिव और मंडी समिति के अधिकारियों को भी बुलाना पड़ा। प्रभारी सचिव बुधवार दोपहर ही भोपाल के लिए रवाना हो गए। जबकि उनको रात्रि विश्राम करना था और गुरुवार को ग्रामीण क्षेत्रों को दौरा करने के बाद भोपाल के लिए रवाना होना था।  बैठक में सीईओ जिला पंचायत पार्थ जायसवाल, डीएफओ उत्तर वन मंडल देवांशु शेखर, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, डिप्टी कलेक्टर धर्मेन्द्र मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. ओपी चौधरी, उप संचालक कृषि जेएस पेन्द्राम, खनिज अधिकारी फरहत जहां, उप संचालक सामाजिक न्याय संतोष चौधरी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी मनोज ललोरकर, उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. जितेन्द्र सिंह, संभागीय श्रमपदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
 

Created On :   27 Feb 2020 3:12 PM IST

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