नागपुर के कुछ क्षेत्रों में आज भी जारी है खुले में शौच, मूल्यांकन पर उठ रहे सवाल

Open defecation continues in some areas of nagpur questions arising on assessment
नागपुर के कुछ क्षेत्रों में आज भी जारी है खुले में शौच, मूल्यांकन पर उठ रहे सवाल
नागपुर के कुछ क्षेत्रों में आज भी जारी है खुले में शौच, मूल्यांकन पर उठ रहे सवाल

डिजिटल डेस्क,  नागपुर । नागपुर शहर के कुछ क्षेत्र में आज भी खुले में शौच जारी है जबकि शहर को ओडीएफ प्लस-प्लस का प्रमाण पत्र मिल चुका है। यानी इस शहर में कोई भी व्यक्ति खुले में शौच या लघुशंका नहीं करता। यहां सीवर से लेकर गंदगी से निपटने तक हर इंतजाम पूरे हो चुके हैं। ओडीएफ प्लस-प्लस इस बात का प्रमाण है। धरातल पर वास्तविकता अलग ही है। शहर की कुछ बस्तियों में आज भी लोग खुले में शौच करने से बाज नहीं आते। मजबूरी कहें या आदत, वजह कुछ भी हो, लेकिन हकीकत यही है। ओडीएफ प्लस से आगे बढ़कर ओडीएफ प्लस-प्लस मानांकन प्राप्त शहर में खुले में शौच करने का सिलसिला जारी रहने से स्वच्छ भारत अभियान के मूल्यांकन पर ही सवालिया निशान लगा हुआ है। 

ओडीएफ प्लस की शर्तें
एक भी व्यक्ति खुले में शौच या लघुशंका नहीं करता ऐसा शहर, वार्ड अथवा सर्कल ओडीएफ प्लस घोषित किया जा सकता है। 
सभी सार्वजनिक स्थल पर एक किलोमीटर के दायरे में शौचालय चालू होना चाहिए। उनमें पानी की उपलब्ध जरूरी है।
किसी भी बड़े कार्यक्रम के लिए मोबाइल टॉयलेट उपलब्ध होना जरूरी है।
पब्लिक व कम्यूनिटी टॉयलेट के स्ट्रक्चर का ऑडिट और समय-समय पर मरम्मत जरूरी है।
शहर में खुले में शौच करने वालों पर जुर्माना किया जाना चाहिए।

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ओडीएफ प्लस-प्लस की शर्तें
शहर के सभी घरों के टॉयलेट, पब्लिक व कम्यूनिटी टॉयलेट सीवर लाइन या सेप्टिक टैंक से जुड़े होने चाहिए।
सेप्टिक टैंक की सफाई करने वालों का निकायों से लाइसेंस लेना जरूरी है।
खुले में गंदगी फैलाने वालों का चालान करना आवश्यक है।
किसी भी टॉयलेट से ओपन डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए।
सीवर लाइनों की लीकेज या खराबी को छह घंटे में ठीक करना।
सीवर के वेस्ट को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर शोधित करना होगा।
जिन शहरों में सीवर लाइन नहीं है, वहां वेस्ट को बिना शोधित किए खुले में नहीं डाल सकते।

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खुले में शौच करने वाले इलाकों में शौचालयों का निर्माण कर पानी उपलब्ध कराया गया। शौचालय उपलब्ध रहने के बाद भी खुले में शौच करने के आदि लोगाें की मानसिकता बदलने के लिए जुर्माना वसूल किया जा रहा है। पिछले वर्ष शहर को ओडीएफ प्लस नामांकन मिला था। शौचालयों की स्वच्छता, पानी की उपलब्धता रहने से इस वर्ष ओडीएफ प्लस-प्लस नामांकन मिला है। इससे भी आगे बढ़कर महापौर ने संपूर्ण महापौर निधि शौचालयों के निर्माण पर खर्च करने का संकल्प लेकर भविष्य में शौचालयों की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की पहल की है। -वीरेंद्र कुकरेजा, सभापति, मनपा स्वास्थ्य समिति

कामना नगर, विजय नगर प्रत्यक्ष प्रमाण
दैनिक भास्कर की पड़ताल में खुले में शौच का पर्दाफाश हुआ है। खास बात यह कि यह एक दिन की बात नहीं है। रोज ही ऐसा हो रहा है। हमारी टीम ने खुले में शौच करने वाली बस्तियों को खोजा। मनपा प्रशासन भले ही शहर खुले में शौच मुक्ति का दावा करता हो, लेकिन हकीकत सबके सामने है। कलमना परिसर की कामना नगर, विजय नगर बस्ती इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। दोनों बस्तियों के बीच हावड़ा रेलवे लाइन बिछी हुई है। रेलवे पटरी शौच की गंदगी से भरी पड़ी है। दरअसल इस लोहमार्ग पर तीसरी लाइन बिछाने का काम चल रहा है। बेशर्मी की हद पार करते हुए लोग रेलवे लाइन के कार्यस्थल से चंद कदम की दूरी पर खुले में शौच कर जाते हैं। मनपा प्रशासन की ओर से खुले में शौच करने वालों पर जुर्माना लगाया गया। बावजूद इसके शहर की सीमावर्ती बस्तियों में इसका खासा असर नहीं हुआ है।

 

Created On :   28 Feb 2020 6:02 AM GMT

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