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ओरछा बनेगा वल्र्ड हैरिटेज, पर्यटन बोर्ड ने यूनेस्को को भेजा प्रस्ताव- प्रदेश में केवल सांची, खजुराहो और भीमबैठका ही हैं वल्र्ड हैरिटेज
![Orchha to become world heritage, tourism board sent proposal to UNESCO Orchha to become world heritage, tourism board sent proposal to UNESCO](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2020/02/orchha-to-become-world-heritage-tourism-board-sent-proposal-to-unesco_730X365.jpeg)
डिजिटल डेस्क आरछा , भोपाल । रामराजा की नगरी और प्रदेश का प्राचीन शहर ओरछा वल्र्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार के पर्यटन बोर्ड ने प्रस्ताव बनाकर यूनेस्को को भेज दिया है। पर्यटन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव भेजने के बाद ओरछा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने में लगभग दो से तीन साल का वक्त लग सकता है। प्रदेश के केवल तीन ऐतिहासिक और पुरातत्विक स्थल सांची, खजुराहो और भीमबैठका ही फिलहाल वल्र्ड हेरिटेज साइट की सूची में शामिल हैं, जबकि मांडू का नाम यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल है। पर्यटन बोर्ड को उम्मीद है कि ओरछा को वल्र्ड हैरिटेज का दर्जा मिलने के बाद वहां देश के साथ ही विदेश से आने वाले पर्यटकों की तादाद में भारी इजाफा होगा और इसका सीधा फायदा प्रदेश को मिलेगा।
ऐसे मिलता है दर्जा
पर्यटन बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी स्थान को वल्र्ड हैरिटेज सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में लगभग दो से तीन साल तक का समय लगता है। यूनेस्को प्रस्ताव मिलने के बाद संबंधित स्थान के बार में पुरातात्विक, ऐतिहासिक, धार्मिक, परंपरागत या अन्य मानकों के आधार पर प्रारंभिक परीक्षण करता है। इस परीक्षण में सफल होने पर संबंधित स्थान को यूनेस्को अपनी प्रस्तावित सूची (टेंटेटिव लिस्ट) में शामिल कर लेता है। इसके बाद यूनेस्को को दोबारा प्रस्ताव भेजा जाता है और यूनेस्को की टीम टेंटेटिव लिस्ट में शामिल स्थानों पर जाकर जायजा लेती है एवं मानकों में सफल होने पर संबंधित स्थान को वल्र्ड हैरिटेज लिस्ट में जगह हासिल हो जाती है।
प्राचीन और पुरातात्विक महत्व का विवरण दिया
ओरछा को विश्व धरोहरों की सूची में शामिल कराने के लिए जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें ओरछा के प्राचीन और पुरातात्विक महत्व का विवरण दिया गया है। प्रस्ताव में ओरछा की प्राचीन और पुरातत्विक धरोहरों की जानकारी भी भेजी गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि बुंदेला राजवंश द्वारा बसाया गया ओरछा शहर बेतवा नदी के किनारे स्थित है और वहां का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ओरछा को प्रदेश का टूरिस्ट गेट बनाने का प्रयास कर रही है और इसी सिलसिले में मार्च माह में वहां तीन दिवसीय ओरछा महोत्सव की तैयारी जोर-शोर से जारी हैं। इससे पहले ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) द्वारा भी अप्रैल 2019 में ओरछा की धरोहरों को विश्व विरासत में शामिल करने के लिए लिखा गया था। एएसआई भोपाल के डिप्टी सुरिटेंडिंग ऑर्कियोलॉजिस्ट पीयूष भट्टे के अनुसार ओरछा में स्थित पुरातात्विक महत्व के स्थल एएसआई के बजाय प्रदेश सरकार के पुरातत्व विभाग के अधीन आते हैं। यही वजह हो सकती है कि प्रदेश सरकार की तरफ से यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा गया है।
इनका कहना है
ट्टओरछा को वल्र्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव बनाकर पिछले माह यूनेस्को को भेज दिया है। इसे जल्द ही यूनेस्को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल करेगा। मांडू का प्रस्ताव लगभग डेढ़ साल पहले भेजा था, उसे यूनेस्को ने टेंटेटिव लिस्ट में शामिल कर लिया है। उम्मीद है कि पहले मांडू और फिर ओरछा को वल्र्ड हैरिटेज की सूची में जगह मिलेगी।
भावना वालिम्बे, अपर प्रबंध संचालक, मप्र पर्यटन बोर्ड
Created On :   13 Feb 2020 9:09 AM GMT