लॉकडाउन का छूट के समय लोग नहीं कर रहे पालन, संक्रमण की आशंका 

People are not following the lockdown exemption, fear of infection
लॉकडाउन का छूट के समय लोग नहीं कर रहे पालन, संक्रमण की आशंका 
लॉकडाउन का छूट के समय लोग नहीं कर रहे पालन, संक्रमण की आशंका 

डिजिटल डेस्क सीधी। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोंकने लागू किये गये लॉकडाउन के दौरान आम नागरिकों को किराना, सब्जी, फल खरीदने के लिये दी गई छूट भारी पड़ सकती है। सुबह 11  बजे से जिस तरह लोग बाजार में दौड़ लगाते हैं उससे तो सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ रही हैं। प्रशासन के लाख समझाइस के बाद भी लोग अपने हिसाब से ही चल रहे हैं। 
ज्ञात हो कि शुरूआती दौर में जिला प्रशासन ने लाकडाउन के दौरान 11 बजे से 3 बजे तक किराना, फल, सब्जी खरीदने के लिये लोगों को छूट दे रखा था फिर बाद में इसमें एक घंटे की और बढ़ोत्तरी कर दी गई है। वर्तमान में अब 11 से 4 दुकानें खुल रही हैं। सब्जी मण्डी में भीड़भाड़ को रोंकने के लिये उसे क्षत्रसाल स्टेडियम में स्थानांतरित किया गया है तो सम्राट चौक में लगने वाली दुकान को पास के मैदान में शिफ्ट किया गया है। चौराहों में सब्जी भाजी की कई दुकानें संचालित हो रही हैं। किराना दुकानों के अलावा दूसरे जरूरत की चीजों की दुकानें नहीं खुल रही हैं। रोजमर्रा के आवश्यकता वाली चीजों की दिक्कत न हो इसलिये प्रशासन ने भरपूर सहूलियत दे रखी है। लेकिन शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस सहूलियत का वेजा फायदा उठा रहे हैें। मसलन जिन्हें मालुम है कि 11 से 4 बजे तक खरीदी के नाम पर बाजार घूम सकते हैं वे बेधड़क बाजार आ रहे हैं। खरीदी के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन नही कर रहे हैं। दुकानदार सामग्री बेचने की हड़बड़ी में लोगों केा मनाही नही कर पा रहे हैं तो आमजन जिन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का भय सता रहा है वे नियम कायदों की परवाह नहीं कर रहे हैं। यद्यपि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी घूम-घूमकर समझाइस दे रहे हैं और लोगों से दूरी बनाकर खरीदी करने की अपील कर रहे हैं। ज्यादातर समय घर में बिताने की नसीहत दी जा रही है पर लोग हैें कि खुद के घर में ऊब गये हैं। इसीलिये पुलिस के डण्डे और प्रशासनिक कार्रवाई को भुलाकर बाजार की ओर दौड़े आ रहे हैं। बता दें कि शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मास्क वितरण की होड़ सी लगी हुई है।  कुछ लोग भूखे लोगों को भोजन देने के लिये खाना बांट रहे हैं तो कुछ फल और बिस्किट आदि दे रहे हैं। लेनदेन के समय दूरी का पालन तो नहीं किया जा रहा साथ ही छूने से भी गुरेज नहीं किया जा रहा है। इस दौरान भले ही कुछ जागरूक लोग वायरस रोधी दस्ताना लगाये रखते हों पर अधिकांश खुले हाथ से ही भोजन व मास्क बांटकर पुण्य कमा रहे हैं। संभव है यही सिलसिला चलता रहा तो लाकडाउन का अर्थ निकलना मुश्किल ही होगा और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा पाना भी नामुमकिन होगा। इसीलिये जरूरी हो गया है कि सीमित समय के लिये और कुछ दिन के अंतराल में ही जरूरत की चीजें खरीदने की छूट दी जाय वरना स्थिति बिगडऩे पर सुधार पाना मुश्किल ही होगा। 
कोरोना से लडऩे चले हैं पर सुविधायें नहीं हैं
कोरोना वायरस के संक्रमण से जिले के लोगों को बचाने के लिये प्रशासन पूरी मुस्तैदी से लगा हुआ है। लाकडाउन को लेकर शिक्षण संस्थाओं के अलावा सरकारी संस्थानों को बंद कर घर से काम करने निर्देश जारी हेा चुके हैं। स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से लगे हुये हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था बनाने में जुटे हुये हैं। वावजूद इसके कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये जिले में  जरूरी संसाधनों का नितांत अभाव देखा जा रहा है। बीमारी की हालत में पीडि़तों को उपचार के लिये वेंटीलेटर की आवश्यकता होती है किेंतु सीधी में एक ही वेंटीलेटर उपलब्ध है। गंभीर रूप से बीमार मरीज को वेटीलेटर के जरिये कृत्रिम सांस दी जाती है। संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने की भी समस्या रहती है किंतु भगवान न करे यदि यहां जरूरत पड़ी तो ऊपर वाला ही मालिक होगा। इसके अलावा संक्रमणरोधी दस्ताना, सेनीटाईजर की भी बेहद कमी देखी जा रही है। मास्क वितरण के मामले में जिले के कुछ समाजसेवियों ने मोर्चा संभालकर इसकी पूर्ति करना शुरू कर दिया है पर सभी को मास्क मिल जाय इसमें अभी वक्त लग सकता है। 

Created On :   31 March 2020 10:08 AM GMT

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