37 साल से बिना लीज नवीनीकरण के चल रहा था पेट्रोल पंप, लाइसेंस निरस्त

petrol pump was going on from 37 years without lease renewal
37 साल से बिना लीज नवीनीकरण के चल रहा था पेट्रोल पंप, लाइसेंस निरस्त
37 साल से बिना लीज नवीनीकरण के चल रहा था पेट्रोल पंप, लाइसेंस निरस्त

डिजिटल डेस्क छतरपुर । बस स्टैंड के समीप स्थित जवाहर पेट्रोल पंप का लाइसेंस कलेक्टर रमेश भंडारी ने निरस्त करने का आदेश दिया है। यह पेट्रोल पंप शिकायतकर्ता गणेश पांडेय निवासी बिहारीजू मंदिर गांधी चौक के स्वामित्व के भूखंड पर 37 साल से लीज के नवीनीकरण के बगैर चल रहा था। लगभग डेढ़ दशक के कानूनी दांव-पेंच में उलझा हुआ था। आवेदक गणेश पांडेय एवं अनावेदक भारत पेट्रोलियम तथा अनुराग शिवहरे पाटनर जवाहर लाल एंड ब्रदर्स के मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत दिवस कलेक्टर न्यायालय ने यह आदेश जारी किया कि अनावेदक अनुराग शिवहरे द्वारा भूमि लीज के संबंध में स्पष्ट दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जबकि आवेदक द्वारा सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए, जो सत्य प्रमाणित होते हैं। लिहाजा 2 मार्च 2016 को पेट्रोल पंप का लाइसेंस रिन्यू कराने का आदेश निरस्त किया जाता है। 

कैसे होता रहा नवीनीकरण 
पिछले 37 सालों से भूखंड के स्वामित्व के दस्तावेज उपलब्ध न होने के बाद भी खाद्य विभाग एवं संबंधित अधिकारी किस तरह पेट्रोल पंप का लाइसेंस रिन्यू करते रहे। यह सबसे बड़ा सवाल है, जो खाद्य विभाग के कारनामों को उजागर करता है। तीन दशक से लगातार कानूनी दांव-पेंच में उलझे इस प्रकरण का निपटारा अतत: कलेक्टर ने कर दिया। 

क्या है मामला 
बस स्टैंड के पास भूमि खसरा नम्बर 250/2 रकबा 0.238 हे. के अंश भाग 100 वाई 80 के भूखंड पर जवाहर पेट्रोल पंप संचालित है। यह भूखंड स्व. कन्हैया लाल पांडेय द्वारा पेट्रोल पंप को 30 साल की लीज पर दिया गया था। कन्हैया लाल पांडेय की मृत्यु के बाद भूखंड के मालिक उनके वारिस हो गए, जिनके द्वारा आगे कोई लीज का अनुबंध नहीं किया गया। 1981 में 30 साल की लीज समाप्त होने के बाद भी यह पेट्रोल पंप लगातार चलता रहा और फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्रशासन द्वारा इसका लाइसेंस रिन्यू किया जाता रहा है। कलेक्टर न्यायालय में आवेदक गणेश पांडेय की शिकायत के बाद जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी को अनावेदक अनुराग शिवहरे के द्वारा भूखंड से संबंधित कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। 

न्यायालय से खारिज हो गया था दावा 
अनावेदक अनुराग शिवहरे एवं भरत पेट्रोलियम द्वारा लीज समाप्त होने के बाद भूखंड को पुन: लीज पर लेने पंचम अपर जिला न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में व्यवहार वाद पेश किया गया था। जिसमें कंपनी अपना दावा प्रमाणित करने में असफल रही। 28 जनवरी 2006 को भारत पेट्रोलियम का दावा न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद भारत पेट्रोलियम द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में अपील दायर की गई। उच्च न्यायालय ने 4 मार्च 2008 में अपील निरस्त कर दी थी। इसके बाद भी  गातार अवैध रूप से यह पेट्रोल पंप चलता रहा। 

 

Created On :   10 May 2018 1:36 PM IST

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