सहकारी बैंक प्रबंधक के आवास पर छापा - 35 करोड़ के घाटे में है बैंक पर कर्मचारी, अधिकारी मालामाल

Raid at the residence of the co-operative bank manager - there is a loss of 35 crores on the bank, the officer is rich
सहकारी बैंक प्रबंधक के आवास पर छापा - 35 करोड़ के घाटे में है बैंक पर कर्मचारी, अधिकारी मालामाल
सहकारी बैंक प्रबंधक के आवास पर छापा - 35 करोड़ के घाटे में है बैंक पर कर्मचारी, अधिकारी मालामाल

डिजिटल डेस्क सीधी।  केन्द्रीय सहकारी बैंक भले ही 35 करोड़ के घाटे में चल रहा हो पर यहां पदस्थ प्रबंधक सहित अन्य कर्मचारी बड़े आसामी देखे जा रहे हैें। लोकायुक्त द्वारा प्रेमधारी सिंह के मारे गये छापे में जहां सवा करोड़  की सम्पत्ति मिली है वहीं बैंक के दूसरे प्रबंधकों यहां तक कि सेल्समैनों के यहां छापामार कार्रवाई हो तो अकूत संपत्ति बरामद हो सकती है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने खुद की पूंजी तो बढ़ा ली है किंतु  बैेंक की रही सही पूंजी डुबो दी है। 
केन्द्रीय सहकारी बैेंक सीधी में शाखा प्रबंधक प्रेमधारी सिंह निवासी गाड़ा बबन सिंह हाल मुकाम अर्जुन नगर और नौढिय़ा स्थित मकान में गुरूवार सुबह जब लोकायुक्त की छापामार कार्रवाई शुरू हुई तो प्रबंधक केा जानने वालों में से किसी एक को भी आश्चर्य नहीं हुआ। बतौर प्रबंधक पे्रमधारी सिंह ने इतनी संपत्ति अर्जित कर ली थी कि किसी को भी अंदाजा नहीं था। इसीलिये वर्ष 2018 में आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत लोकायुक्त रीवा के यहां शपथ पत्र के साथ की गई थी। काफी समय तक चले जांच पड़ताल के बाद अंतत: लोकायुक्त ने गुरूवार की अल सुबह प्रबंधक के दोनों आवास में एक साथ छापामार कार्रवाई कर दी। बताया जाता है कि छापामार कार्रवाई की भनक लगते ही सहकारी बैंक में पदस्थ दूसरे शाखा प्रबंधकों, समिति प्रबंधकों, सेल्समैनों में हड़कंप मच गया। लोग यह जानने में ज्यादा रूचि ले रहे थे कि आखिर किस वजह से लोकायुक्त ने छापा मारा है। शिकायतकर्ता ने संपत्ति के संबंध में किस तरह के प्रमाण दिये कि लोकायुक्त ने भरोसा कर कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें कि अकेले प्रेमधारी सिंह ही ऐसे प्रबंधकों में नही हैं जो भ्रष्टाचार के जरिये करोड़ों की संपत्ति बना रखे हैं बल्कि सहकारी बैंक की मुख्य शाखा सहित दूसरी शाखाओं में लंबे समय से बिना योग्यता के प्रबंधक बने लोगों ने इसी तरह से करोड़ो ंकी संपत्ति बना रखी है। शहर में बड़ी-बड़ी हवेलियां तैयार हो गई हैं जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा है। अधिकारी स्तर के लोगों ने अकूत संपत्ति तो बनाई ही है दर्जन भर से ज्यादा ऐसे सेल्समैन भी हैं जो मामूली तनख्वाह पाने के बाद भी करोड़ों में खेल रहे हैं। अब जबकि बैेंक के एक प्रबंधक पर लोकायुक्त की कुदृष्टि पड़ चुकी है तब ऐसे में कई अन्य प्रबंधकों पर भी कार्रवाई तय माना जा रहा है। जांच करने आये लोकायुक्त टीम के सदस्यों ने बताया कि शिकायतकर्ता शपथ पत्र के जरिये प्रमाणित जानकारी उन तक भेजें देर सवेर कार्रवाई होकर रहेगी। 
ऋण वितरण में लंबा गोलमाल 
केन्द्रीय सहकारी बैंक को आखिर 35 करोड़ के घाटे से क्यों जूझना पड़ रहा है। इस संबंध में जानकारी लेने पर पता चला कि बैेंक अधिकारियों ने अंधाधुंध फर्जी ऋण वितरित किये हैं। जिन गरीब आदिवासियों के नाम से ट्रैक्टर फाइनेंस हुये उन्हें आज तक नहीं पता कि बैंक से लोन लेने कभी आवेदन भी किया था। बाद में  जब वसूलीकर्ता रूपये वसूलने पहुंचे तो मामले की जानकारी हुई और बात उजागर होने पर फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो सका है। केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबंधकों पर ऋण माफी योजना में भी  गोलमाल करने का आरोप लगाया गया है। यद्यपि इस संबंध में अभी तक कोई जांच नहीं हुई है फिर भी  प्रभावित लोग गाहे-बगाहे प्रशासन तक शिकायत करने पहुंचते ही रहते हैं। 
यहां भी कोरोना का डर 
लोकायुक्त पुलिस रीवा द्वारा शाखा प्रबंधक प्रेमधारी सिंह के अर्जुन नगर व नौढिय़ा स्थित आवास में जब 25 सदस्यीय टीम ने एक साथ छापामार कार्रवाई की तब उस दौरान अधिकांश कर्मचारी अधिकारी चेहरे पर मास्क लगाये देखे गये। कोरोना वायरस का डर इस तरह से फैला हुआ है कि शहर में भी अब मास्क ढूंढ़े नही मिल रहे हैं। पिछले दिनों एक मरीज के पाये जाने के अफवाह ने तो शहर की दुकानों से मास्क बिक्री केा बढ़ा दिया है। बता दें कि अधिकांश कर्मचारी अधिकारी खासकर स्वास्थ्य विभाग का अमला बिना मास्क के नहीं देखा जा रहा है। डा. अनूप मिश्रा के मुताबिक कोरोना वायरस को हल्के में लेने की आवश्यकता नहंी है बल्कि जरूरी है कि गंभीरता के साथ सावधानी बरतने पर ध्यान दिया जाय। 
 

Created On :   20 March 2020 9:14 AM GMT

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