- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- छतरपुर
- /
- रिकार्डों में हेराफेरी करने वाले...
रिकार्डों में हेराफेरी करने वाले रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर की सजा बरकरार
डिजिटल डेस्क छतरपुर । पर्यटन नगरी खजुराहो की बेशकीमती जमीन के रिकार्डों में हेराफेरी करने के मामले में सेशन कोर्ट ने रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर डीआर माहेश्वर एवं पटवारी सुखनंदन की सजा को बरकरार रखा है। एडीजे आरके गुप्ता की कोर्ट ने आरोपियों को 3 साल के सश्रम कारावास और ढाई लाख के जुर्माने से दंडित किया है। निचली अदालत ने रिटायर्ड डिप्टी कलेक्टर और पटवारी को कूटरचना के आरोप में 7 साल और धोखाधड़ी के अपराध में 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने सेशन कोर्ट में अपील प्रस्तुत कर सीजेएम के फैसले को चुनौती दी थी । एडीजे कोर्ट ने आरोपियों की अपील को आंशिक तौर पर राहत देते हुए सजा और जुर्माने की रकम को कम कर दिया है। मेला मैदान की सरकारी जमीन के रिकार्डो में की थी कूटरचना
यह शासकीय भूखण्ड वर्ष 1989 में मेला मैदान के नाम पर शासन के मद पर दर्ज थी। आरोप है कि पटवारी सुखनंदन ने खसरा पंचशाला में हेराफेरी कर दिया इसके चलते विवादित जमीन महाराज भवानीसिंह के नाम पर दर्ज हो गई। तत्कालीन तहसीलदार डीआर महेश्वर निवासी विजयनगर इंदौर ने पटवारी द्वारा की गई फर्जी प्रविष्टि को 30 मई 1990 को प्रमाणित कर दिया । मामले के तूल पकडऩे पर तहसीलदार ने आदेश बदलकर दस्तावेजों में कूट रचना की । कलेक्टर ने कूटरचना में शिकायत जांच एसडीएम को सौंपी। जांच में तहसलीदार और पटवारी दोषी पाये गए। एसडीएम के प्रतिवेदन पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और जालसाजी का मामला दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए आरोपियों को गुनाहगार ठहराया था । निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने अपील प्रस्तुत की थी ।मेला मैदान की सरकारी जमीन के रिकार्डो में की थी कूटरचना
यह शासकीय भूखण्ड वर्ष 1989 में मेला मैदान के नाम पर शासन के मद पर दर्ज थी। आरोप है कि पटवारी सुखनंदन ने खसरा पंचशाला में हेराफेरी कर दिया इसके चलते विवादित जमीन महाराज भवानीसिंह के नाम पर दर्ज हो गई।
Created On :   23 Dec 2017 4:31 PM IST