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15000 रू. की रिश्वत लेते ट्रैप हुआ प्रभारी प्राचार्य - शिष्यवत्ति के लिए मांगे थे रू.

डिजिटल डेस्क सीधी । पुलिस ने यहां शिष्यवत्ति के लिए रिश्वत की मांग करने वाले प्रभारी प्राचार्य को ट्रेप कर उसके विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया है । इस संबंध में बताया गया है कि लोकायुक्त टीम रीवा ने एक प्रभारी प्राचार्य को रंगे हाथ 15000 रू. रिश्वत लेते ट्रैप किया है। कार्रवाई के बाद से आदिम जाति कल्याण विभाग में हड़कंप मच गया है। प्राचार्य द्वारा छात्र से शिष्यवृत्ती बैंक स्क्रोल के प्रमाणीकरण के लिए रिश्वत की मांग की गई थी।
पांच हजार लिए थे एडवांस
मंगलवार की सुबह करीब 9:00 बजे लोकायुक्त की टीम शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भदौरा पहुंचकर जाल बिछाया और वादे के मुताबिक रामायण प्रसाद जयसवाल रिश्वत लेकर प्राचार्य के पास पहुंचा जैसे ही प्राचार्य को रिश्वत दिया तो लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथ धर दबोच लिया घटना की जानकारी लगते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग में रिश्वत का खेल काफी दिनों से चल रहा था।
उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त बीके पटेल ने बताया कि रामायण प्रताप सिंह प्रभारी प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भदौरा कुसमी द्वारा गिरिराज शरण जायसवाल से शिष्यवृत्ती के स्क्रोल प्रमाणीकरण के लिए रू. 20000 रिश्वत की मांग की गई थी जिस पर शिकायतकर्ता द्वारा रू. 5000 पूर्व में ही दे दिया गया था। जिसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा मामले की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय रीवा में जाकर शिकायत किया गया। मामले की जांच पड़ताल कार्यालय द्वारा किया गया, जांच के दौरान मामला सही जाए पाए जाने पर ट्रेप की कार्रवाई की गई है। ट्रेप की कार्रवाई 16 सदस्य टीम द्वारा की गई है। कार्रवाई के दौरान विद्यारिध निरीक्षण लोकायुक्त के साथ स्टॉप मौजूद रहे।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।