रेत का खेल - जिले की सबसे चर्चित रेत खदान में खुलेआम जारी है पर्यावरण से खिलवाड़

Sand game - the most popular sand mine in the district is openly playing with the environment
 रेत का खेल - जिले की सबसे चर्चित रेत खदान में खुलेआम जारी है पर्यावरण से खिलवाड़
 रेत का खेल - जिले की सबसे चर्चित रेत खदान में खुलेआम जारी है पर्यावरण से खिलवाड़

डिजिटल डेस्क छतरपुर । गौरिहार क्षेत्र में रेत के अवैध उत्खनन का आलम यह है कि  खनिज विभाग का अमला जितनी कार्रवाई यहां करता है, माफिया उसकी दोगुनी ताकत से अवैध उत्खनन करने लगता है। इलाके की चर्चित परेई पंचायत की रेत खदान का संचालन कथित रूप से सिंडीकेट करता है। यहां गुरुवार को जब भास्कर रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो बीच नदी में आधा दर्जन लिफ्टरों एवं नाव की मदद से रेत निकाली जा रही थी। नदी का प्रवाह रोककर नदी के बीचों-बीच माफिया ने टापू बना रखे हैं। इन टापुओं तक बाकायदा ट्रक पहुंच जाते हैं। वहां से उन्हें लोडकर यूपी निकाल दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक यूपी के रेत माफिया रजा खान को इस खदान के संचालन का ठेका एमपी के सिंडीकेट ने दे रखा है। बीच नदी में कई मशीनों एवं लिफ्टरों के धड़ल्ले से प्रयोग के बावजूद यहां खनिज विभाग का अमला कार्रवाई करने के लिए आज तक नहीं गया है। इससे इस बात को बल मिलता है कि खदान को वास्तव में राजनीतिक संरक्षण हासिल है।  
कंप्यूटर बाबा भी पहुंच चुके हैं परेई रेत खदान
गौरतलब है कि हाल ही में जब कंप्यूटर बाबा जिले के दौरे पर आए थे, तो परेई रेत खदान का अवैध उत्खनन देखने के लिए विशेष रूप से यहां पहुंचे थे। लेकिन सतर्क माफिया ने पहले से सूचना मिलने के कारण यहां अवैध कारोबार बंद कर दिया था। कंप्यूटर बाबा ने जिले में तीन दिन रुककर अवैध कारोबार पर निगरानी रखने की बात कही थी, लेकिन वे दूसरे दिन ही यहां से रवाना हो गए थे।
रोजाना अवैध रेत से भरे सैकड़ों ट्रक जा रहे यूपी
परेई रेत खदान और रामपुर में पुल के पास की रेत खदानें जिले की सबसे बड़ी खदानें मानी जाती हैं। कुछ माह पहले गोयरा थाना प्रभारी के द्वारा रामपुर की रेत खदान के माफिया चरण सिंह यादव की खदान में यूपी की ओर से आ रहे ट्रकों को भेजने का ऑडियो वायरल हुआ था। इसके बाद थाना प्रभारी राजकुमार यादव को लाइन अटैच कर दिया गया था। रोचक बात यह है कि परेई रेत खदान में भी रेत का अवैध उत्खनन और नदी के पर्यावरण व जलवायु से खिलवाड़ का सिलसिला तभी से जारी है। लेकिन यहां न तो कभी खनिज विभाग के अमले ने कार्रवाई की है और न ही राजस्व विभाग के अमले ने ही कभी कार्रवाई की है।
आखिर नदी के पर्यावरण से कैसे हो रहा खिलवाड़
सूत्र बताते हैं कि गौरिहार क्षेत्र में जहां भी इस समय रेत का अवैध उत्खनन जारी है, इसकी असली वजह पुलिस और खनिज अमले का रेत के अवैध कारोबार को संरक्षण है। परेई रेत खदान में तो आलम यह है कि इस इलाके की जीवनदायनी केन नदी में प्रवाह रोककर बीच नदी में टापू बना दिए गए हैं। आधा दर्जन से ज्यादा लिफ्टर धड़ल्ले से नदी की गहराई से खुलेआम रेत निकाल रहे हैं। कई पोकलेन मशीनें नदी बीच नदी में काम कर रही है। सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन इस खदान पर कार्रवाई करने के लिए अब तक क्यों नहीं गया है। इससे यह साबित होता है कि हर स्तर पर भी इस अवैध उत्खनन को संरक्षण दिया जा रहा है।
जल्द होगी कार्रवाई
खनिज इंसपेक्टर अजय मिश्रा कहते हैं कि विभाग के पास सीमित स्टाफ व संसाधन हैं। परेई खदान में अगर मशीनों और लिफ्टर का इस्तेमाल हो रहा है, तो यह पूरी तरह गैरकानूनी है। हम पहले भी वहां कार्रवाई के लिए गए थे। लेकिन माफिया सतर्क हो जाता है। परेई खदान में कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मिश्रा ने कहा कि संसाधन नहीं होने से मशीनें एवं ट्रक पकडऩे के बाद उनको थाने लाने के लिए भारी मशक्कत करना होती है। विभाग बगैर भेदभाव के कार्रवाई कर रहा है।
 

Created On :   14 Feb 2020 2:43 PM IST

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