जर्जर छात्रावास भवन में रहने को हैं मजबूर अजा वर्ग के छात्र

SC students are forced to live in dilapidated hostel building
जर्जर छात्रावास भवन में रहने को हैं मजबूर अजा वर्ग के छात्र
 दरक रही जर्जर छत और बरामदा, दुर्घटना की आशंका  जर्जर छात्रावास भवन में रहने को हैं मजबूर अजा वर्ग के छात्र

डिजिटल डेस्क सीधी। शहर में संचालित अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास क्रमांक 1 का वर्षों पुराना बना भवन अब जर्जर हालत में पहुंच चुका है। भवन की हालत जर्जर होने के बाद भी छात्रावास में करीब दो दर्जन छात्र वहां रह रहे हैं। भवन के बदहाली की जानकारी प्रशासनिक अमले को होते हुए भी अभी तक छात्रावास के नवीन भवन के निर्माण का प्रयास नहीं किया जा रहा है। बता दें कि अनुसूचित जात सीनियर बालक छात्रावास क्रमांक 1 शहर के अर्जुन नगर हरिजन थाना के बाजू में संचालित है 50 बिस्तर वाला छात्रावास का भवन काफी पुराना होने की वजह से अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है जहां छात्रावास भवन के अंदर पहुंचते ही बरामदा की छत टूट-टूट कर गिरने लगी है। छत की कंक्रीट मात्र ही टूट कर नहीं गिर रही है बल्कि छत में इस्तेमाल किए गए लोहे की सरिया भी टूट कर झूल रही है। अंदर मौजूद सभी कमरों के हालात तो यह हैं कि छत का कंक्रीट कब छात्रों के सिर पर गिर कर उन्हें घायल कर देगी यह पता नहीं। बरसात के दिनों में तो छत से पानी टपकने के दौरान छत टूटने का डर ज्यादा बना रहता है। भवन में मौजूद स्टोर रूम में नये गद्दे रखे गए हैं जिन पर बरसात के दिनों में पानी टपकने से कई गद्दे खराब हालत में पहुंच चुके हैं वहां बने शौचालय भी आधे से ज्यादा तो जाम हो चुके हैं। शेष बचे शौचालय में किसी तरह से शौच कार्य किया जा रहा है।
पचास फीसदी छात्रों की उपस्थिति
अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास क्रमांक 1 मेंं 50 छात्रों के ठहरने की व्यवस्था की गई है जिसमें से अभी 25 फ़ीसदी छात्र, छात्रावास में उपस्थित बताए जाते हैं। वर्तमान में उपस्थित छात्रों की संख्या 23 दर्ज है। कोरोना संक्रमण काल होने की वजह से 50 बिस्तर के छात्रावास में 25 फीसदी छात्रों को ही प्रवेश दिया गया है जबकि अभी भी 25 फीसदी छात्रों की उपस्थिति दर्ज होना बाकी है। ऐसे जर्जर भवन में जब 25 फीसदी छात्रों को छात्रावास में ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है तब शेष 25 फीसदी और छात्र यहां प्रवेश लेते हैं तो उनके ठहरने की व्यवस्था कैसे हो पाएगी।
वर्षों पूर्व से नहीं हुई मरम्मत
बालक छात्रावास का अवलोकन करने के पश्चात यह पाया गया कि जर्जर हो रहे छात्रावास की मरम्मत के प्रति ध्यान नहीं दिया गया। लगता है कि काफी अर्से से भवन के रख-रखाव के प्रति विभागीय उदासीनता बनी रही। यहां जिसे भी छात्रावास अधीक्षक नियुक्त किया गया वे सब अपनी ड्यूटी की खानापूर्ति करते रहे और भवन के मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया। जिसकी वजह से यह इमारत अब जर्जर हालात में पहुंच चुकी है।
इनका कहना है
छात्रावास भवन की जर्जर हालत से मैं चिंतित रहता हूं। सदैव डर बना रहता है कि अचानक किसी बालक के सिर पर छत टूट कर गिर न जाय। इस समय छात्रावास में अनुसूचित जाति के 23 बालक उपस्थित हैंं जो कि छात्रावास के बिस्तरों के हिसाब से करीब 25 फीसदी छात्र हैं। प्रभारी सहायक आयुक्त श्रेयस गोखले को भवन के जर्जर हालत को दिखा दिया गया है। 
ओम प्रकाश साहू - अधीक्षक, बालक छात्रावास क्रमांक 1 सीधी
 

Created On :   29 Oct 2021 8:59 AM GMT

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