नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गंगाधर पानतावणे, साहित्य जगत में शोक

Senior litterateur or  thinker Dr Gangadhar Pantawane passes away
नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गंगाधर पानतावणे, साहित्य जगत में शोक
नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ गंगाधर पानतावणे, साहित्य जगत में शोक

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। वरिष्ठ साहित्यकार, संपादक, विचारक गंगाधर विठोबाजी पानतावणे का निधन हो गया है। वे 81 साल के थे। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रहे थे। मणिक अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। देर रात 2 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पानतावणे मराठी वाइब्रेंट साहित्य सम्मेलन के पहले अध्यक्ष थे। साल 2018 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया था। जो 20 मार्च को राष्ट्रपति भवन से जारी किया गया। लेकिन तबियत ठीक न होने के कारण वे समारोह में उपस्थित नहीं हो सके थे। उनके निधन से महाराष्ट्र के साहित्य जगत में शोक की लहर है। परिवार में उनकी दो बेटियां हैं। 

विदर्भ से जुड़े रहे 
गंगाधर मूल रूप से विदर्भ नागपुर से जुड़े थे। उनका जन्म 28 जून, 1937 को हुआ था। मिशन स्कूल, नवयुग स्कूल और पटवर्धन हाई स्कूल नागपुर में उन्होंने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। 1956 में मैट्रिक पास करने के बाद, उन्होंने कला शाखा और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर ली। उसके बाद औरंगाबाद आ गए। मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद उन्होंने डॉ बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर और मराठी विभाग के प्रमुख के रूप में काम किया

Created On :   27 March 2018 3:19 PM IST

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