न्यायाधीश के साथ विवाद करने के मामले में आरोपी को सजा

Sentenced to the accused in the dispute with the judge
न्यायाधीश के साथ विवाद करने के मामले में आरोपी को सजा
न्यायाधीश के साथ विवाद करने के मामले में आरोपी को सजा

डिजिटल डेस्क सीधी। न्यायालय में घुसकर न्यायाधीश के साथ विवाद करने वाले आरोपी को सजा सुनाई गई है। इसके साथ अन्य मामलों में भी न्यायालय से सजा हुई है। 25 फरवरी 2013 को दोपहर के लगभग 12.20 बजे ग्राम चुवाही आरक्षित केंद्र मझौली में स्थित न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 मझौली लोक संस्थान में फरियादी डॉ उमाशंकर व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 मझौली न्यायालय में डायस पर बैठकर न्यायालयीन कार्य संपादित कर रहे थे तभी आरोपी रामाधार सेन निलंबित भृत्य शराब पीकर न्यायालय में घुस आया एवं फरियादी के साथ गाली गलौच करते हुए आपराधिक बल का प्रयोग किया। न्यायालय में उपस्थित कर्मचारियों द्वारा बीच.बचाव कर आरोपी को न्यायालय से बाहर किया गया। आरोपी ने फरियादी को जान से मारने की धमकी भी दी। जिसके संबंध में फरियादी डॉ उमाशंकर व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 01 के पत्र क्र 147/13 द्वारा थाना मझौली में एफआईआर पंजीबद्ध कराई गई जिसकी विवेचना उपरान्त चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। संबंधित न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 41/13 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए गोपालजी सिंह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मझौली द्वारा अभियुक्त के अपराध को संदेह से परे प्रमाणित कराया गया जिसके आधार पर आरोपी को न्यायालय मुनेंद्र सिंह वर्मा जेएमएफसी मझौली द्वारा दोषी मानते हुए धारा 294 भादव् में न्यायालय उठने तक की सजा एवं 500. रूपये अर्थदण्ड तथा धारा 353 भादवि 6 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
यूपी की नहर में पानी का रेला, एमपी की सूखी बाणसागर से उप्र को जाने वाली मुख्य नहर में पानी का रेला चल रहा है किंतु ठीक पास स्थित एमपी की नहर सूखी पड़ी हुई है। माइनर नहरों में तो सूखा पड़ा ही है मुख्य नहर में भी पानी नहीं दिख रहा है। जलाशयों में पानी की कमी होने के बाद भी लोवर नहर सिहावल पानी के लिये तरस रही है।
उल्लेखनीय है कि रबी के फसलों की कटाई जोरों पर चल रही है तो अधिकांश जगह गहाई का कार्य भी शुरू हो गया है। खेतों में गर्मी की फसलों के लिये भले ही नहर के पानी की विशेष आवश्यकता न देखी जा रही हो किंतु अल्प वर्षा के कारण जलाशयों के सूखने के कगार पर पहुंच जाने के बाद तो नहरों में पानी की आवश्यकता महसूस की जा रही है। नहरों में पानी होने के कारण गर्मी के दिनों में जलस्तर संतुलित रहने की जहां संभावना रहती है वहीं पशुओं को पानी पीने के लिये भटकना नही पड़ता है। लेकिन बाणसागर लोवर नहर सिहावल में काफी दिनों से पानी का बहाव रूका हुआ है। दूसरी तरफ सीधी जिले से कैमोर पहाड़ से सटकर उप्र को जाने वाली बाणसागर यूपी कैनाल मुख्य नहर में पानी का रेला देखा जा रहा है। बाणसागर के पानी से वहां के लोगों को जो लाभ मिलेगा सो मिलेगा किंतु स्थानीय स्तर के किसानों को कोई लाभ नही मिल रहा है।

 

Created On :   10 April 2018 6:51 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story