अधर में आदेश, दिव्यांगों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक

Shortage of Teachers in schools for handicaped children in Anuppur
अधर में आदेश, दिव्यांगों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक
अधर में आदेश, दिव्यांगों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक

डिजिटल डेस्क,अनूपपुर। राज्य शिक्षा केंद्र ने शारीरिक और मानसिक रूप से नि:शक्त छात्रों की शिक्षा के लिए 90 दिनों का फाउंडेशन कोर्स की ट्रेनिंग भोज विश्व विद्यालय भोपाल और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पंजीकृत अध्ययन केन्द्रों में जिले के शिक्षकों को दी थी। साल 2005 से लेकर 2008 तक जिले के चारों विकासखंडों से लगभग 55 शिक्षक यह ट्रेनिंग ले चुके हैं जिनमें से आधा सैकड़ा अभी भी जिले के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, लेकिन जिला मुख्यालय स्थित तिपान खोली माध्यमिक विद्यालय जहां दिव्यांग छात्र पढ़ते हैं वहां अब तक किसी भी प्रशिक्षित शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। जिसकी वजह से अप्रशिक्षित शिक्षक ही सामान्य बच्चों के साथ दिव्यांग छात्रों को भी पढ़ा रहे हैं। 

दिव्यांगों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षक 
शासकीय माध्यमिक पाठशाला तिपान खोली में करीब 50 नि:शक्त छात्र पढ़ते हैं। मानसिक, दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित छात्र कक्षा 1 से लेकर 8 वीं तक की कक्षाओं मे पढ़ने वाले इन छात्रों को दूसरे सामान्य छात्रों की तरह ही पढ़ाया जा रहा है।  इन छात्रों की पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति दूसरे विद्यालयों में सामान्य छात्रों के अध्यापन के लिए कर दी गई है।

जिले से 57 शिक्षकों ने ली ट्रेनिंग
जिले के सभी विकास खंडों से साल 2005 में 37 शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। जिसमें अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, कोतमा से 10-10 शिक्षक तथा जैतहरी से 7 शिक्षक शामिल हुए थे। इनमें जनशिक्षक, सहायक शिक्षक और शिक्षक कर्मी भी शामिल थे। साल 2007 और 2008 में भी 20 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया गया। वर्तमान में अनूपपुर जिले में 50 शिक्षक ऐसे है जो प्रशिक्षण के बाद भी इन विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं।

दस्तावेज हो गए चोरी 
वर्तमान में अनूपपुर जिले में जिन शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल चुका है उनमें से आईईडीसी प्रभारी अनिल सिंह, राम सिंह पुरी, खुशेन्द्र पड़वार, अजीत सिंह, उमाशंकर जायसवाल, केदार प्रसाद तिवारी, समेत लगभग 50 शिक्षक हैं, लेकिन इन शिक्षकों के संबंध में सर्व शिक्षा अभियान के पास जानकारी उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह वे साल 2013 में कार्यालय में दस्तावेजों के चोरी होने को बता रहे हैं।

अधर में आदेश 
प्राथमिक और माध्यमिक स्तर तक के विशेष आवश्यकता वाले छात्रों के लिए सीडब्ल्यूएसएन छात्रावास का निर्माण जिला मुख्यालय में कराया गया था। 50 सीटर क्षमता वाला यह छात्रावास हमेशा पूर्ण रूप से भरा रहता है। विद्यालय में पढ़ाई की उचित व्यवस्था न होने के बाद भी कक्षा 1 से लेकर 8 तक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन छात्रों के लिए जिले में कोई व्यवस्था नहीं थी। जिसे देखते हुए वर्तमान शिक्षण सत्र में इस छात्रावास में कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों के प्रवेश के लिए आदेश जारी किए गए थे, लेकिन आदेश अब भी पूरा नहीं हो पाया है। 

अनूपपुर जिला पंचायत सीईओ केव्हीएस चौधरी का कहना है कि छात्रावास परिसर में ही विद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। जिसके बाद इसी विद्यालय में ही प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो दिव्यांग छात्रों को अध्यापन कराएंगे। 

Created On :   22 Aug 2017 6:11 AM GMT

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