मंडियों में पसरा सन्नाटा, फसल बेचने नहीं पहुंचे किसान

Silence in the mandis, Farmers not coming to sell crop
मंडियों में पसरा सन्नाटा, फसल बेचने नहीं पहुंचे किसान
मंडियों में पसरा सन्नाटा, फसल बेचने नहीं पहुंचे किसान


डिजिटल डेस्क अनूपपुर। जिले में शासन द्वारा भावान्तर योजना के तहत अधिसूचित 8 फसलों की खरीदी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है लेकिन खरीदी तिथि प्रारंभ होने के कई दिन बाद भी बुधवार तक एक भी पंजीकृत किसान फसल बेचने के लिए खरीदी केन्द्रों तक नहीं पहुंचे। वहीं मंडी में खरीदी के लिए व्यापारी भी किसानों के न पहुंचने से नदारत नजर आए। जिले में भावान्तर योजना के तहत 11 सितंबर से 16 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन  23 समितियों तथा 3 कृषि उपज मंडियों के माध्यम से किया गया है जिसके अंतर्गत जिले में 5386 किसानों ने इस योजना के तहत अभी तक अपना पंजीयन कराया है। योजना के अंतर्गत सोयाबीन, मक्का, उरद, मूंग, तिल, रामतिल, मूगफली व अरहर सहित 8 अधिसूचित फसलों की खरीदी व्यापारियों के द्वारा की जानी हैं और इसमें शासन द्वारा निर्धारित दर पर जो भी भाव में अंतर आएगा उसकी प्रतिपूर्ति शासन द्वारा किए जाने के नियम हैं लेकिन खरीदी प्रारंभ हुए कई दिन का समय बीत जाने के बाद भी अनूपपुर कृषि उपज मंडी में एक भी पंजीकृत किसान फसल विक्रय के लिए अभी तक नहीं पहुंच पाए हैं।
41 व्यापारी और 5386 किसान
जिले में भावान्तर योजना के तहत 5386 किसानों ने फसल विक्रय के लिए अपना पंजीयन कराया है। वहीं 41 व्यापारी  कृषि उपज मंडी में पंजीकृत हैं। जिनके द्वारा किसानों की फसल की खरीदी की जाएगी। जिले में 42 हजार हेक्टेयर में   इन अधिसूचित फसलों की खेती की गई है।
जिले में मात्र एक ही केन्द्र बनी किसानों की परेशानी
शासन द्वारा भावान्तर योजना के तहत 26 केन्द्रों में किसानों का पंजीयन तो कराया गया लेकिन फसल विक्रय के लिए किसानों को एक मात्र कृषि उपज मंडी अनूपपुर निर्धारित किया गया है। जिसका नतीजा यह है कि कोतमा तथा जैतहरी कृषि उपज मंडी को अमान्य कर दिए जाने से इन क्षेत्रों के किसानों को अब अपनी फसल बेचने के लिए अनूपपुर कृषि उपज मंडी कार्यालय आना पड़ेगा जिस वजह से फसल लाने में परिवहन साधन के उपयोग से किसानों पर अधिभार पड़ेगा जिस वजह से भी किसान खरीदी केन्द्रों तक नहीं पहुंच रहे हैं।
इनका कहना है।
अभी तक एक भी पंजीकृत किसान फसल बेचने के लिए नहीं पहुंचे हैं। व्यापारी तो आते हैं लेकिन किसानों की अनुपस्थित देखकर वह लौट जाते हैं। जैतहरी व कोतमा में सुविधाओं का अभाव होने की वजह से अनूपपुर मंडी को निर्धारित किया गया है।
रविन्द्र ङ्क्षसह, सचिव कृषि उपज मंडी अनूपपुर

 

Created On :   26 Oct 2017 1:17 PM IST

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