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नाली का दूषित पानी और सूखी रोटी खाने को मजबूर छात्र-छात्राएं
डिजिटल डेस्क छतरपुर । सरकार सर्व शिक्षा अभियान व स्कूल चले हम योजनाओं के तहत तमाम वादे करती रहती है और भी अन्य योजनाएं चलाकर हजार दावे और वादे करते नही थकती, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं है की प्रदेश में भांजे भांजियों के साथ क्या हो रहा है। राजनगर क्षेत्र के एक स्कूल में बच्चे नमक रोटी और नाले का पानी पीने को मजबूर है। इसके साथ ही खुले आसमान के नीचे बैठकर कर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। हालांकि यह स्कूल पूरी तरह से अनियमित्ताओं से पड़ा हुआ है। हालांकि इस स्कूल की अनियमित्ताओं की शिकायत जिला प्रशासन से की जा चुकी है। जिसमें भोपाल में बैठे मंत्री गोपाल भार्गव के द्वारा बयानों ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करना चाहिए।
नजारा देख चकित हुए अफसर
राजनगर ब्लॉक अंतर्गत सूरजपुरा पंचायत के प्राथमिक शाला ग्राम बगुलिया पुरवां में पिछले कई महीनों से खाना और पीने के पानी को लेकर शिकायत मिल रही थी। सूखी रोटी और दूषित पानी स्कूल में पढऩे वाले बच्चे विगत कई महिनों से ग्रहण करने को मजबूर बने हुए है। गीता, पूजा, श्यामरी, सपना ने बताया कि इस प्रकार का मध्यान्ह भोजन और दूषित पानी पीने को मजबूर है। शासन के दावों की पोल खोलते बच्चे प्राथमिक शाला बगुलिया पुरवां के बच्चों को दूषित पानी और सूखी रोटी मध्यान्ह भोजन के माध्यम से खाते देख अफसर सहित लोग चकित हो रहे है। हालांकि यह पहला मामला नहीं है ऐसे मामले जिले के दूरदराज स्कूलों में देख सकते है। इस प्रकार के स्कूलों के द्वारा शिक्षा के प्रति शासन की सभी योजनाओं की पोल खोलते नजर आ रहे है।
स्कूल के बच्चों को नमक रोटी मिड डे मील द्वारा दी गई थी। जिसकी टीम द्वारा जांच की गई है कि भोजन में काफीअनियमित्ताएं पाई गई थी। जिसके विरूद्ध कार्रवाई की जावेगी और स्कूल में पानी के लिए ट्यूबेल व्यवस्था है और बच्चे मटको का पानी पीते हैं। बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर है इसकी जानकारी लेकर कार्रवाई कराऊंगा।
रमेश भंडारी, कलेक्टर
रोज मध्यान्ह भोजन पर नजर रखी जाती है। लेकिन आज कार्य में व्यवस्था होने के कारण मध्यान्ह भोजन को नहीं देखा है लेकिन जब देखा तो बच्चों के द्वारा सूखी रोटी खाई देखी जा रही थी। इसके बावजूद स्कूल में नलजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर बने हुए है। इसके लिए कई बार प्रशासन को लिखित में दिया जा चुका है। लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
संतोष राजोरिया, शिक्षक
Created On :   10 Jan 2018 1:11 PM IST