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टेलर ने सूट गलत सिला तो राशि लौटाने का दिया आदेश
महिला का सलवार सूट गलत सिल जाने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने दिया फैसला
डिजिटल डेस्क छतरपुर । एक महिला उपभोक्ता ने टेलर को सिलाई के लिए सलवार सूट का कपड़ा दिया। सिलाई की राशि भी अदा की। जब सूट सिलकर तैयार हुआ तो उसकी आस्तीन में तीन जोड़ थे। इस पर महिला उपभोक्ता ने सूट में सुधार करने को कहा। टेलर ने सूट में सुधार करने से इंकार कर दिया। महिला उपभोक्ता ने मामला जिला उपभोक्ता फोरम में प्रस्तुत किया। फोरम ने सुनवाई के बाद टेलर को आदेश दिया कि वह सलवार सूट के कपड़े का मूल्य व सिलाई के लिए दी गई राशि वाद व्यय के साथ अदा करें।
क्या है मामला
शहर के किशोर सागर तालाब के पास रहने वाली सरोज कुशवाहा ने सलवार सूट सिलवाने के लिए बाजार से 1225 रुपए का कपड़ा खरीदा। वे 26 जनवरी 19 को पुराने उपभोक्ता भंडार के पास अली लेडीज सेंटर पर गईं, वहां सेंटर संचालक अलीम राइन को कपड़ा दिया। अलीम राइन ने कपड़े का नाप करने बाद रसीद दी, इसमें 420 रुपए सिलाई के सरोज कुशवाहा से लिए। 28 जनवरी 19 को जब सरोज कुशवाहा को सूट सिलकर मिला तो इसकी आस्तीन में तीन जोड़ थे। इस पर सरोज कुशवाहा ने आस्तीन में सुधार करने को कहा, लेकिन अलीम राइन ने सूट की आस्तीन में सुधार करने से इंकार कर दिया।
नोटिस के बाद भी नहीं किया सुधार तो मामला फोरम में पहुंचा
ट्रेलर मास्टर अलीम राइन ने जब सूट की आस्तीन में सुधार करने से साफ इंकार कर दिया तो सरोज कुशवाहा द्वारा उन्हें लीगल नोटिस दिया गया। इस नोटिस का अलीम राइन ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर उन्होंने 21 जून 19 को जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किया। इस मामले की सुनवाई जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष श्रीराम दिनकर, सदस्य संजय कुमार शर्मा, निशा गुप्ता ने की। सुनवाई के दौरान फोरम ने टेलर मास्टर अलीम राइन द्वारा सेवा में कमी देना पाया। इस पर आदेश पारित किया कि अलीम राइन आवदेक सरोज कुशवाहा को 1670 रुपए फैसला दिनांक से 30 दिवस के भीतर अदा करें। इसके साथ ही दो हजार रुपए वाद व्यय भी अलीम राइन सरोज कुशवाहा को अदा करेंगे।
बढऩे लगी जागरुकता -एक साल में 634 मामले पहुंचे, 218 का हुआ निराकरण
जिला उपभोक्ता फोरम में वर्ष 2019 में 634 मामले पहुंचे हैं। इनमे 218 का निराकरण हो गया है। जिला उपभोक्ता फोरम में 20 लाख तक के मामलों की सुनवाई होती है। फोरम के वरिष्ठ सदस्य संजय कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले एक माह में 95 मामले फोरम में आए हैं जो अब तक का रिकार्ड है। पिछले साल तक सबसे अधिक मामले विद्युत बिलों में गड़बड़ी के मामले आते थे, लेकिन इस साल सबसे अधिक मामले बीमा और बैकिंग कंपनी के खिलाफ आए हैं। चूंकि उपभोक्ता बीमा पॉलिसी लेते समय और राशि इंवेस्ट करते समय नियम और शर्तों को नहीं पढ़ते हैं। ऐसे में उनकी राशि इन कंपनियों द्वारा फंसा ली जाती है।
Created On :   2 Jan 2020 3:56 PM IST