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बुखार आने पर झोलाछाप डॉक्टरों से करवाता रहा इलाज, निकला कोराना पाँजिटिव- क्लीनिक और लैब भी सील
डिजिटल डेस्क छतरपुर/हरपालपुर । हरपालपुर के वार्ड क्रमांक एक में लहचूरा रोड निवासी 55 वर्षीय वृद्ध 15 दिन पूर्व नोयडा से सलानतपुर से वापस लौटा था। बुधवार को उसकी ट्रू नॉट मशीन की जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। वृद्ध नोयडा में सब्जी बेचने का काम करता था, जब वह हॉट स्पॉट से लौटा था, तब उसे शुरूआत से ही हल्का बुखार और सर्दी थी मगर उसने सैंपल नहीं कराया। बुखार की शिकायत होने संक्रमित ने प्राइवेट लैब से जांच भी कराई, जिसे टाइफाइड बताकर झोलाछाप डॉक्टर इलाज करता रहा, मगर जब बुखार ठीक नहीं हुआ तब वृद्ध ने 4 जुलाई को सरकारी अस्पताल में दिखाया और डॉक्टरों ने कोरोना के प्रथम लक्षण मानकर वृद्ध का सैंपल कराया। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 30 जून को संक्रमित वृद्ध राठ अपनी रिश्तेदारी में एक तेरहवीं कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था और 4 जुलाई से सैंपल देने के बाद से कोविड केयर सेंटर हरपालपुर में भर्ती था। वृद्ध की संक्रमित रिपोर्ट आने पर प्रशासन ने पॉजिटिव व्यक्ति के घर के एरिया को कंटेनमेंट जोन में बदलकर सुरक्षा बढ़ाई और परिवार के सदस्यों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
डॉक्टर की निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब की सील
हरपालपुर में स्थित डॉक्टर की निजी क्लीनिक और लैब जहां संक्रमित ने इलाज कराया था। उसे तहसीलदार वीपी सिंह, बीएमओ डॉ. रविन्द्र पटेल, डॉ. मनोज अहिरवार, डॉ. सुनील राजपूत, डॉ. मनीष गुप्ता मेडिकल टीम सहित पटवारी हरनारायण शर्मा, आशीष पांडे ने सील कर दिया है। 3 जुलाई को संक्रमित वृद्ध ने यहां टाइफाइड की जांच और इलाज कराया था। प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कथित डॉक्टर और लैब संचालक को क्वारेंटाइन कराया है। प्रशासन डॉक्टर और लैब संचालक से जानकारी ले रहा है कि 3 जुलाई के बाद उन्होंने किन किन मरीजों का इलाज किया है।
Created On :   9 July 2020 3:42 PM IST