स्मार्ट सिटी की घोषणा का तत्काल असर, तीसरे दिन पहुंचे सर्वेक्षण अधिकारी, मिले 25 करोड़

The immediate effect of making the city of sidhi, gets 25 cr
स्मार्ट सिटी की घोषणा का तत्काल असर, तीसरे दिन पहुंचे सर्वेक्षण अधिकारी, मिले 25 करोड़
स्मार्ट सिटी की घोषणा का तत्काल असर, तीसरे दिन पहुंचे सर्वेक्षण अधिकारी, मिले 25 करोड़

डिजिटल डेस्क सीधी। मुख्यमंत्री द्वारा सीधी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाए जाने की घोषणा के तीन दिन भी नहीं हुए कि जबलपुर से सर्वेक्षण अधिकारी पहुुंच गए हैं। इस दौरान नगरपालिका के अध्यक्ष, सीएमओ आदि से मुलाकात की गई और प्रारंभिक तौर पर विकसित किए जाने वाले स्थानों के संबंध में चर्चा की गई है। मिनी स्मार्ट सिटी  के लिए 300 करोड़ के बजट का प्रावधान रखा है इसके पहले 25 करोड़ में चिन्हित स्थानों को विकसित करने का काम किया जाएगा।  

शनिवार को हुई थी घोषणा 
उल्लेखनीय है कि पहली मर्तबा मुख्यमंत्री की घोषणा का तत्काल असर देखने को मिला है। शनिवार की शाम मुख्यमंत्री सीधी में हितग्राही सम्मेलन और वैवाहिक कार्यक्रम में भाग लेने आए हुए थे इसी दौरान सीधी को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के दौरान हफ्ते भर के भीतर विशेषज्ञ अधिकारियो की टीम के सीधी आने की भी बात कही थी। मुख्यमंत्री अगले दिन भोपाल के लिए रवाना हुए कि इसके पहले ही ईएनसी और रीवा कमिश्नर ने फोन पर स्मार्ट सिटी केा लेकर चर्चा शुरू कर दी। बताया गया है कि मुख्यमंत्री के जाने के तीसरे दिन यानि सोमवार को जबलपुर से कन्सल्टेन्ट मुकेश इन्दुरख्या अपने एक अन्य सहयोगी के साथ सीधी नगरपालिका पहुंचे और प्राथमिक स्तर पर उन स्थानों को चिन्हित करने नपाध्यक्ष व सीएमओ से चर्चा की जिन्हें विकसित किया जा सकता है।

श्री इन्दुरख्या के अनुसार प्रदेश सरकार ने मिनी स्मार्ट सिटी के लिए शुरूआती दौर में 25 करोड़ का बजट रखा है। मिनी स्मार्ट सिटी के लिए कुल 300 करोड़ रूपये खर्च किए जायेंगे। शहर के विकास के लिए तो रूपये खर्च होंगे ही साथ ही 50 किमी की दूरी वाले ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थलों को भी विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही शहर में छोटे उद्योगों को विकसित करने के लिए भी रूपये खर्च होंगे। स्मार्ट सिटी में रहने वाले लोगों की कम से कम इतनी तो आमदनी हो कि स्मार्ट शहर का लुत्फ उठा सकें।  

विकास का मैप तैयार 
फिलहाल नगरपालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह मुन्नू ने प्राथमिक तौर पर शहर के पुराने बस स्टैण्ड, गोपालदास बांध के सौंदर्यीकरण, सूखा नाला के सौंदर्यीकरण सहित सब्जी मण्डी व पार्कों के विकास को चिन्हित कराया है। इस दौरान यह भी कहा गया कि अभी तो प्राथमिक जानकारी उपलब्ध कराई गई है आगे जिले के सांसद, विधायकों सहित जागरूक नागरिकों, व्यापारियों के साथ बैठक कर वृहद योजना बनाई जायेगी। बस स्टैण्ड निर्माण के संबंध में अध्यक्ष ने कहा कि जोरौंधा के जिस स्थान को चिन्हित किया गया है उसमें अभी पेंच फंसी हुई है जिस कारण जमोड़ी स्थित नये बस स्टैण्ड को ही सुविधायुक्त बनाने का काम किया जाएगा।

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री की घोषणा का शीघ्र ही असर होते दिखने लगा है। तीसरे दिन जहां जबलपुर से  जानकारी एकत्र करने अधिकारियों का दल आया हुआ है वहीं पाचवें दिन एक और टीम सीधी आएगी। सीधी आने वाली टीम ड्रोन कैमरे के साथ ऊपर से शहर की तस्वीर लेगी ताकि यह देखा जा सके कि वर्तमान में शहर कैसा है और मिनी स्मार्ट सिटी बनने के बाद शहर की रंगत क्या रहती है। इसके साथ ही सीधी केा विकसित कराने का अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ तैयार मैप को ऊपर अग्रेषित किया जाएगा। 

शहर के साथ पर्यटक स्थल भी होंगे विकसित 
शहर के विकास के साथ 50 किमी की परिधि में आने वाले सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य, बीरबल की जन्मस्थली घोघरा, चंदरेह मंदिर, संजय टाईगर रिजर्व सहित अन्य ऐतिहासिक व पर्यटन के महत्व वाले स्थानों को विकसित करने का भी काम किया जाएगा। भले ही इन क्षेत्रों के विकास के लिए अलग से काम हो रहे हों किंतु मिनी स्मार्ट सिटी के तहत महत्व के स्थलों केा विकसित करने की भी पहल होगी। उन्होंने बताया कि वे मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही यहां आए हुए हैं।  

 

Created On :   15 May 2018 1:17 PM IST

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