पिता 6 बार रहे सांसद,पुत्री जिलापंचायत अध्यक्ष फिर भी घर में नहीं है शौचालय

there is no toilet in the home of District panchayat president
पिता 6 बार रहे सांसद,पुत्री जिलापंचायत अध्यक्ष फिर भी घर में नहीं है शौचालय
पिता 6 बार रहे सांसद,पुत्री जिलापंचायत अध्यक्ष फिर भी घर में नहीं है शौचालय

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा का संकल्प लेकर जनता को जागरूक करने वाले जनप्रतिनिधि इस अभियान को पलीता लगा रहे हैं। मैकलांचल क्षेत्र पुष्पराजगढ़ की 119 ग्राम पंचायतों में से लगभग  40 फीसदी सरपंच और पंचों के आवास में शौचालय ही नहीं हैं। सिर्फ इतना ही नहीं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रूपमती सिंह के आवास में  शौचालय की वर्तमान स्थिति अपूर्ण हैं और वे खुले में ही शौच के लिए जाती हैं। 6 अप्रैल 2017 को प्रथम किश्त के रूप में परिवार के मुखिया  व उनके पति रामस्वरूप को 6 हजार रुपए प्रदान किए गए थे। इतना ही नहीं श्रीमती रूपमती ङ्क्षसह शहडोल लोकसभा से 6 बार सांसद रहे स्व. दलपत सिंह की पुत्री हैं। 

मैंकलांचल में जनप्रतिनिधि उदासीन 

जिला पंचायत अध्यक्ष समेत जनपद सदस्य व सरपंच एवं पंचों की लंबी फौज है जो स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहे हैं। भौगोलिक स्थिति और जनजाति बाहुल्य वाले क्षेत्र में पेयजल की कमी व पारंपरिक तरीकों के कारण आज भी ये जनप्रतिनिधि आधुनिक पद्धति को अपनाने में परहेज कर रहे हैं। पुष्पराजगढ़ जनपद के ग्राम पंचायत खमरौध के ग्राम टांकी टोला में निवास करने वाली जिला पंचायत अध्यक्ष के आवास में अधूरे शौचालय निर्माण की जानकारी स्वच्छ भारत अभियान की बेवसाइट में भी दर्ज है। 

52 हजार शौचालयों का अभाव 

जिले की चारों जनपदों में दर्ज 1 लाख 44 हजार 593 शौचालय विहीन परिवारों में से महज 93134 परिवारों के यहां अब तक निर्माण हो पाया है। शहरी क्षेत्रों के आकड़ों में अब तक कोई विशेष परिवर्तन नहीं हो पाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण की मंथर गति के कारण फरवरी 2018 तक अनूपपुर जिलों को खुले में शौच से मुक्त करने का प्रयास अधूरा ही रह जाएगा। 

नल जल योजना भी बाधा 

जिले की 282 ग्राम पंचायतों में से ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आकड़ों के अनुसार 160 ग्रामों में नल जल योजना संचालित है। इनमें से 17 बंद पड़ी हुई  है जबकि हकीकत में आकड़े कुछ और ही अधूरी पड़ी योजनाओं को भी कागजों में पूरा दिखलाया जा रहा है। पानी के अभाव में शौचालय का उपयोग ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब ही बन रहे हैं। 

भ्रष्टाचार भी बनी वजह 

शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार भी मुसीबत खड़ी कर रहा है। जैतहरी जनपद के बरगवां ग्राम पंचायत में 3 सैकड़ा से ज्यादा शौचालय कागजों में ही बना दिए गए। ग्रामीणों ने इसकी शिकायतें की और अब तक दो बार जांच पूरी हुई किंतु हर बार एक नई सूची प्रस्तुत हो जाने से अब तक भ्रष्टाचार के आकड़े का खुलासा नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से तीसरी बार एक बार फिर जांच कराई जा रही है। कालरी आवासों में तथा गुमशुदा लोगों के नाम पर ही शौचालयों का कागजी निर्माण करा दिया गया। 
 

Created On :   10 Oct 2017 6:42 PM IST

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