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परेई में रेत को लेकर दो गुटों में संघर्ष, पुलिस बनी रही अनजान

यूपी-एमपी की फर्जी ईटीपी से रेत जा रही लखनऊ, कानपुर
जिटल डेस्क छतरपुर । जिले में रेत माफियाओं का दबदबा सिर चढ़कर बोल रहा है। पिछली रात परेई में दो गुटों में जमकर गैंगवार हुआ, चूंकि गौरिहार थाना पुलिस रेत माफियाओं को संरक्षण दिए हुए है। इसके चलते किसी भी गुट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में एक गुट ने दूसरे के खिलाफ बांदा जिले के मटौंध थाने में शिकायती आवेदन दिया है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
परेई में बीती रात करीब दो घंटे तक जमकर गैंगवार हुआ, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। गौरिहार पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों में राजीनामा हो गया है। इस कारण मामले में कार्रवाई नहीं की गई है। उधर, बांके बिहारी कंपनी के कर्मचारियों ने मटौंध थाने में शिकायती आवेदन दिया है।
विवाद रेत का नहीं, ईटीपी का है
सूत्रों के अनुसार जिन दो लैपटॉप के लूटने की बात कही जा रही है, हकीकत में इससे फर्जी ईटीपी जारी होते थे। इन फर्जी ईटीपी को कर्मचारी रेत कारोबारियों को बेचते हैं। इधर, राजकुमार पटेल बांके बिहारी कंपनी पर दबाव बना रहा है कि उसे यह ईटीपी बगैर रुपए या कम रुपए में दी जाए, इसी के चलते विवाद हुआ है।
वर्चस्व को लेकर भिड़े रेत माफिया
परेई रेत खदान पर शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात करीब 2.00 बजे जमकर विवाद हुआ। परेई में खसरा नम्बर-285/5 पर 0.809 हेक्टेयर में बांके बिहारी कंपनी को रेत भंडारण की स्वीकृति शासन ने दी है। यह कंपनी उत्तरप्रदेश के एक नेता की है। इसी के पास कांग्रेस जिला महामंत्री राजकुमार पटेल भी रेत को डंप लगाए हैं। बांके बिहारी कंपनी के कर्मचारियों ने मटौंध मार्ग को अवैध ढंग से काट दिया। इससे रात में जब राजकुमार पटेल के अवैध डंप से रेत लेकर ट्रक निकले तो यहां विवाद होने लगा। इस पर राजकुमार पटेल समर्थित अपने दो दर्जन लोगों के साथ इनमें रजा खान, नंदू पटेल आदि शामिल थे, मौके पर पहुंचे ओर बांके बिहारी कंपनी के कर्मचारियों के साथ मारपीट कर उनके ऑफिस में जमकर तोडफ़ोड़ की। कर्मचारियों ने बताया कि इस दौरान वे 40 हजार रुपए नकद, गैस सिलेंडर, दो लैपटॉप भी छीनकर ले गए।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।