डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनेगा विश्वविद्यालय भवन

University building Will be made at cost of one and a half million
डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनेगा विश्वविद्यालय भवन
डेढ़ सौ करोड़ की लागत से बनेगा विश्वविद्यालय भवन

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। चार साल से महाराजा कॉलेज के कॉमर्स विभाग में संचालित हो रहे महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को अब अपना भवन मिलने वाला है। इसके लिए जल्दी ही बगौता और गुरईया मौजा में विश्वविद्यालय की जमीन पर मुख्यमंत्री भूमिपूजन कर सकते हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रियव्रत शुक्ल सहित प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है। इस भवन के लिए 150 करोड़ रुपए का DPR वित्त मंत्रालय में लंबित है। जल्दी ही इसे स्वीकृति मिलने की संभावना है। अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो मई के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भूमिपूजन कर सकते हैं। 

भूमि पूजन के लिए हुई CM से मुलाकात 
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की गुरैया मौजा में स्थित जमीन पर शीघ्र ही भूमिपूजन होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रियव्रत शुक्ल ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शीघ्र ही छतरपुर प्रवास के दौरान विश्वविद्यालय का भूमिपूजन करने का आश्वासन दिया है। डॉ. शुक्ल ने बताया कि फिलहाल कोई तरीख तय नहीं हुई है। BJP के सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 4 मई को छतरपुर में दौरा संभावित हो सकता है। इस अवसर पर वे अन्य कार्यक्रमों के साथ ही विश्वविद्यालय के भवन का भूमिपूजन करेंगे। जिला प्रशासन को फिलहाल अभी मुख्यमंत्री के किसी भी अधिकृत दौरे की जानकारी नहीं है। 

भवन निर्माण में  लगेंगे तीन साल मप्र शासन द्वारा गुरैया, बगौता हल्का में विश्वविद्यालय के लिए 425 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इस जमीन पर भवन बनाने के लिए 150 करोड़ रुपए की प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की गई है। कुलपति डॉ. शुक्ल के अनुसार 150 करोड़ रुपए की DPR करीब एक साल से प्रदेश के वित्त मंत्रालय में लंबित है। इस DPR के अनुसार प्रत्येक वर्ष 50 करोड़ रुपए विश्वविद्यालय को भवन निर्माण के लिए प्रदान किए जाएंगे। ऐसे में तीन वर्ष में विश्वविद्यालय भवन बनकर तैयार हो जाएगा। डॉ. शुक्ल के अनुसार भूमिपूजन के साथ ही बजट आवंटित होने की उम्मीद है। 

सबसे पहले बनेगा प्रशासनिक भवन 
भूमिपूजन के साथ ही विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का निर्माण सबसे पहले शुरू किया जाएगा। फिलहाल महाराजा कॉलेज के कॉमर्स विभाग के भवन में संचालित हो रहे विश्वविद्यालय को कामकाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में परीक्षाओं का सुचारू रूप से संचालन के लिए प्रशासनिक भवन की जरूरत है। विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुसार सबसे पहले प्रशासनिक भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद लैब, लाइब्रेरी और विभागों का निर्माण होगा। 

निपटा लिया जाएगा भूमि का विवाद 
विश्वविद्यालय के लिए शासन द्वारा जो जमीन आवंटित की गई है इसमें से कुछ एरिया वन विभाग की जमीन का भी शामिल है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में वन विभाग दिक्कतें खड़ी कर सकता है। इस संबंध में कुलपति डॉ. प्रियव्रत शुक्ल का कहना है कि थोड़ी सी जमीन पर ही विवाद है। भूमि पूजन निर्विवाद जमीन पर ही कराया जाएगा। विवाद कोई बड़ा नहीं है इसे जल्दी ही निपटा लिया जाएगा।

Created On :   23 April 2018 2:19 PM IST

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