छतरपुर : बच्चों महिलाओं पर मौसम बुखार का कहर, सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती

Viral fever cases has rapidly increased due to the rainy season
छतरपुर : बच्चों महिलाओं पर मौसम बुखार का कहर, सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती
छतरपुर : बच्चों महिलाओं पर मौसम बुखार का कहर, सैकड़ों मरीज अस्पताल में भर्ती

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। जिले में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। बुधवार रात 11.00 बजे से लेकर लेकर शाम 5 बजे तक बुखार, उल्टी-दस्त से पीड़ित 50 से अधिक मासूम बच्चे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती हुए। बच्चों के अलावा 20 महिलाएं और पुरुष भी इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हैं। अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में बिजावर, छतरपुर, चंदला, लवकुशनगर, सहित अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। इलाज के लिए भर्ती हुए बच्चों में से ज्यादातर बच्चे बुखार और पेट दर्द की शिकायत बता रहे हैं। 20 घंटे के अंदर एक दम से मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से जिला अस्पताल में पैर रखने तक की जगह नहीं बची है। आलम यह है कि एक पलंग में तीन से चार बच्चों को लिटाया गया है। वहीं जिन मरीजों को पलंग नहीं मिला तो उन्हें जमीन पर लेट कर इलाज कराना पड़ रहा है।

बच्चे हो रहे ज्यादा प्रभावित
मौसमी बीमारियों की चपेट में सबसे अधिक बच्चे आ रहे हैं। बुधवार की रात से लेकर गुरुवार शाम पांच बजे तक जितने भी बच्चे इलाज के लिए जिला अस्पताल में दाखिल हुए है, उनमें से ज्यादातर बच्चे बुखार से ग्रसित बताए गए। गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई और टीकाकरण न होने से मौसमी बीमारियों का प्रकोप एकदम से बढ़ गया है। 

20 महिलाएं बीमार
बच्चों के साथ-साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रही हैं। बुधवार की रात से गुरुवार की शाम तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों से 20 से ज्यादा महिलाएं बुखार और उल्टी-दस्त की बीमारी से पीड़ित इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुई। भर्ती महिलाओं का कहना है कि गांव में इलाज की सुविधा न होने से उन्हे इलाज के लिए जिला अस्पताल आना पड़ता है।

प्रशासन मौन
जिले में जिस तरह से मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है, उसे देखते हुए समय रहते अगर मौसमी बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में भयावह स्थिति निर्मित हो सकती है। गौरतलब है कि जिले के कई गांवों में डायरिया का प्रकोप भी बढ़ गया है। डायरिया की चपेट में आने से दो दिन पहले एक युवक की मौत भी हो चुकी है। उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हाथों में हाथ धरे बैठे हैं।

Created On :   7 Sept 2018 1:27 PM IST

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