अयोध्या के मंदिर में जब केशरिया ध्वज लहराएगा तब भारत विश्वगुरू बन जाएगा -वेदांती

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- शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान रखने वाला ही ब्राम्हण है अयोध्या के मंदिर में जब केशरिया ध्वज लहराएगा तब भारत विश्वगुरू बन जाएगा -वेदांती

डिजिटल डेस्क सीधी। अयोध्या में निर्माणाधीन राममंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद जब मंदिर की प्राचीर पर केशरिया ध्वज लहराएगा तब भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जाएगा। राम जन्मभूमि के विवाद में जब यह बात पूछी गई कि क्या सवूत है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था तो मैने कहा कि क्या सवूत है कि बाबर का जन्म अयोध्या में हुआ। उन्होने बताया कि बाबर जब भारत आए तो उन्होने दिल्ली और लखनऊ पहुंचकर आसमान में दो चांद जब देखे तो बाबर ने कहा कि दिल्ली से तो आसमान में एक ही चांद दिखाई देता है लेकिन लखनऊ में आने पर ये दो चांद कैसे दिखाई दे रहे हैं। तो उन्हे बताया गया कि एक चांद तो वास्तविक है लेकिन दूसरा चांद अयोध्या के राम मंदिर का दिखाई दे रहा है। इस पर बाबर में तत्काल अपने नुमंइदों को यह आदेश दिया कि वहां ध्वज में लगे चांद को तुरंत हटा दिया जाये। बाल्मीकी रामायण के अनुसार श्री राम का जन्म 1 करोड़ 60 लाख वर्षों पूर्व अयोध्या में हुआ था। ब्राम्हण न तो कभी गरीब था और न ही कभी भिखारी रहा। ब्राम्हण हमेशा अपने बुद्धि कौशल से अग्रणी रहा। उक्त उद्गार स्थानीय पूजा पार्क में आयोजित ब्राम्हण समाज के द्वारा आयोजित मेधावी छात्र-छात्रा एवं ब्राम्हण सम्मान समारोह में रामविलाश वेदांती ने व्यक्त किये। श्री वेदांती ने कहा कि ब्राम्हण समाज के भोपाल में आयोजित होने वाले ब्राम्हण महाकुंभ के सम्मेलन में देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को लाने का प्रयास करूंगा। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सीधी विधायक पं. केदारनाथ शुक्ल कहा कि शस्त्र और शास्त्र का ज्ञान रखने वाला ही ब्राम्हण है। समाज में अपने जनों को उठाने के लिए किये जाने वाले महत्वपूर्ण कार्य करने वाले बुद्धि के ज्ञाता ही ब्राम्हण का सम्मान प्राप्त करते हैं।
कार्यक्रम के पूर्व ब्राम्हण समाज के रीवा से आए मऊगंज के पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि समाज के उत्थान के लिए वे संघर्ष करने की वजह से 70 बार जेल भी गए हैं। समाज में यदि एकता नहीं रहेगी तो समाज का विकास संभव नहीं हो पाएगा। कार्यक्रम में पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश मिश्र ने कहा कि समाज में जोडऩे का कार्य होना चाहिए ताकि ब्राम्हणों का उत्थान हो सके जब कुशाग्र बुद्धि के ब्राम्हण एकत्र होते हैं तो समाज में कई अच्छाइयां विकसित होती हैं। कार्यक्रम को गति देने में ब्राम्हण समाज के जिला अध्यक्ष सीधी राकेश दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि शास्त्र का ज्ञान और मंत्र का सही उच्चारण करने के बाद ही ब्राम्हण का सर्वोच्च स्थान है। उन्होने कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों व श्रोताओं का सम्मान करते हुए स्वागत किया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामविलाश वेदांती ने उपस्थित सभी जनों से खासकर विधायक सीधी पं. केदारनाथ शुक्ल से आग्रह किया कि ब्राम्हणों का एक सम्मेलन भोपाल में आयोजित करने की तिथि निश्चित की जाए जिस तरह प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है उसी तरह ब्राम्हणों का कुंभ देश के मध्य भाग की राजधानी भोपाल में आयोजन निश्चित किया जाये। उपस्थित सभी जनों ने राजधानी भोपाल में ब्राम्हण सम्मेलन आयोजित किये जाने की हुंकार भरी। कार्यक्रम के अंत में अखिल भारतीय ब्राम्हण समाज द्वारा छात्र-छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा मंडल में आयोजित परीक्षा परिणामों के जो प्रावीण्य सूची में छात्र आए थे उन्हे भी सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में पूरे कार्यक्रम के दौरान 51 छात्र-छात्राओं सहित कुल 101 लोगों को सम्मानित किया गया। सम्मान की इस कड़ी में विधायक पं. केदारनाथ शुक्ल ने मेधावी छात्रों को उसके गायन से प्रसन्न होकर दो हजार रूपये की नगद राशि भी प्रदान किया।

Created On :   17 Oct 2021 3:11 PM GMT

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