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विवेकानंद जब स्वछन्द थे तब नरेन्द्र थे जब स्वतंत्र हुये तब विवेकानंद हो गये

डिजिटल डेस्क, सागर। पं. दीनदयाल उपाध्याय, शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, सागर में स्वामी विवेकांनद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के अंतर्गत अच्छा कॅरियर कैसे बनाये विषय पर बेबीनार आयोजित किया गया। प्रारंभ में इस बेबीनार के उद्देश्यों के विषय में डॉ. मधु स्थापक, समन्वयक ने विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुरेन्द्र विहारी गोस्वामी, पूर्व संचालक, मध्यप्रदेश ग्रंथ अकादमी ने कहा कि अध्ययन के उद्देश्य नोकरी करना नहीं होना चाहिए और यदि ऐसा होगा तो जीवन का उद्देश्य ही समाप्त हो जायेगा। कॅरियर मार्गदर्शन के संबंध में बताया कि तीन प्रकार के लोग होते है - पहले नं. पर अंडरटेकर, दूसरे नं. पर केयरटेकर और तीसरे नं. पर रिश्कटेकर पहले तरह के लोग अपने जीवन के प्रति रिलेक्स रहते हैं और असफलता की श्रेणी में आते हैं। दूसरे तरह के लोग तुम आगे चलों मैं तुम्हारे पीछे चलूगां इनकी निगाह सफलता की ओर होती है। लेकिन तीसरे तरह के लोग न केवल स्वयं सफल होते है बल्कि दूसरों के लिये भी प्रेरणा का काम करते हैं। इनका पारीतोषक है लाभ, शुद्धता तथा समाज के विकास में अपना योगदान। आपने स्वछन्दता और स्वतंत्रता के विषय में बताया कि जब विवेकानंद स्वछन्द थे तब नरेन्द्र थे जब स्वतंत्र हुये तो विवेकानंद हो गये। विद्यार्थियों के लिये आपने बताया कि मनोवैज्ञानिक डिप्रेसन से मुक्त हो जाये और जो दिमाग में दवाव बना है उसे गलग करें। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जी.एस. रोहित ने कहा कि हमे न केवल स्वयं रोजगार प्राप्त करना है बल्कि दूसरे लोगों के लिये भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। रोजगार प्राप्त करने का एक मात्र साधन नौकरी नहीं है बल्कि अच्छे उद्यम स्थापित करके हम रोजगार अन्य लोगों को भी दे सकते हैं। डॉ. एस.एम. पचोरी, प्राचार्य गढ़ाकोटा ने कहा कि विद्यार्थियों को अपने स्वभाव के अनुसार रोजगार का चयन करना चाहिये। अनेक बार छोटे-छोटे व्यापार भी बड़ा मुनाफा देते हैं क्योकि उनकी लागत कम होती है। डॉ. आशीष द्विवेदी, डायरेक्टर इंक मीडिया ने कहा कि विद्यार्थी जीवन तपस्या का जीवन है लक्ष्य भी आदमी जीवन में कभी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। जीवन में आने वाली समस्याओं को हम चुनोती के रूप में लें और उनके समाधान के लिये परिश्रम करें तो सफलता हमारे कदम चूमेंगी। डॉ. अमर कुमार जैन, समन्वयक, व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ ने कहा कि हमारे यहां स्नातक डिग्री के बाद सभी सम्मानीय नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं चाहे कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, एस.पी., डी.एस.पी. इनके चयन हेतु आपको यूपीएससी अथवा पी.एससी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। कला वाणिज्य एवं विज्ञान विषय प्राप्त रोजगार के विषय में आपने विस्तृत चर्चा की। बेबीनार को सुनील साहू, प्रीति यादव, योगेश यादव, रश्मि यादव, शिखा चैबे ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक पनया ने तथा आभार आयोजन सचिव डॉ. अमर कुमार जैन ने माना।
Created On :   21 Nov 2020 4:03 PM IST