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बालिका वधु बनने से बच गई मासूम, आए थे बारात लेकर, सगाई की रस्म कर लौटे
डिजिटल डेस्क, रीवा। प्रशासन तक यदि समय पर जानकारी न पहुंचती तो एक नाबालिग बाल विवाह की भेंट चढ़ जाता। बारात आने के पहले महिला एवं बाल विकास विभाग तक यह जानकारी पहुंच गई और बाल-विवाह रुक गया। जिले के बैकुण्ठपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झिरिया 189 में रहने वाले भूषण तिवारी की बेटी का विवाह बुधवार को होना था। घर पर बारात की सारी तैयारियां हो चुकी थी। बाराती भी पहुंचने वाले थे, लेकिन इसके पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम पहुंच गई और जांच में पाया कि जिस बेटी का विवाह हो रहा है, उसकी उम्र महज 14 साल है। पिता कैंसर से पीड़ित थे, इसलिए वे अपनी बेटी की शादी जल्द से जल्द करना चाह रहे थे, लेकिन परियोजना अधिकारी प्रेरणा मिश्रा एवं पर्यवेक्षक कविता पाण्डेय और श्रद्धा बाजपेयी की समझाइश का उन पर असर हुआ और यह शादी रूक गई। जो बाराती यहां से दुल्हन की विदा कराने के लिए आए थे, वे सगाई की रस्म कर वापस चले गए। अब बेटी के बालिग होने यानी चार साल बाद शादी होगी। इस शादी पर नजर रखने के लिए बैकुण्ठपुर पुलिस सहित महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला रात भर सक्रिय रहा। यहां रात में बराबर नजर रखी कि कहीं चोरी-छिपे फेरे न करा दिए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
नाबालिग की तलाश के लिए 10 हजार का इनाम घोषित
मैहर से अपहृत 7 साल की एक बालिका की तलाश में पुलिस की मदद करने पर पुलिस अधीक्षक संतोष गौर ने 10 हजार के नगद इनाम की घोषणा की है। घटना के तकरीबन 9 दिन बाद भी पुलिस के पास बालिका तो दूर अपहरणकर्ता तक का सुराग नहीं है। 5 मार्च को ये बालिका रीवा के मऊगंज थाना क्षेत्र के मिसिरगंवा से अपने परिवार के साथ देवी दर्शन के लिए मैहर आई थी। दर्शन के बाद नीचे बाजार में परिजनों से बिछड़ जाने के बाद से बालिका का लापता है। पुलिस के मुताबिक उसे सीसीटीवी में आखिरी बार लगभग 25 वर्षीय एक युवक के साथ देखा गया था। युवक ने चेक शर्ट पहन रखी थी। उसके गले में गमछा था। बालिका इसी युवक के बगल से चल रही थी।
Created On :   15 March 2019 2:06 PM IST