पुणे: अजित पवार की चुनौती के बाद शरद पवार से मिले डॉ अमोल कोल्हे

अजित पवार की चुनौती के बाद शरद पवार से मिले डॉ अमोल कोल्हे
  • शरद पवार से मिलने के बाद एक्स पर किया पोस्ट
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डिजिटल डेस्क, पुणे। राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा अपने चाचा और राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार को चुनौती देते हुए सरकार में शामिल होने के फैसले के बाद पार्टी में दोफाड़ हो गया है। इस फूट के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस के दोनों गुटों के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। इसी क्रम में अजीत पवार ने बारामती के बाद शरद पवार गुट के शिरूर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ अमोल कोल्हे को खुली चुनौती दी और कहा कि वह आगामी चुनाव में उन्हें हराकर रहेंगे। इसी पृष्ठभूमि में मंगलवार को डॉ अमोल कोल्हे ने शरद पवार से मुलाकात की और उसके बाद मीडिया से बात करते हुए अजीत पवार की चुनौती पर कड़ा जवाब दिया। हालाँकि उन पर कड़ी टिप्पणी करने या आलोचना करने से वे बचते रहे।

शरद पवार से मुलाकात के बाद सांसद डॉ अमोल कोल्हे ने कहा है, मैं शरद पवार के नेतृत्व में सभ्य व सुसंस्कृत राजनीति करने जा रहा हूं। मैं जहां था वहीं हूं, लेकिन जिन लोगों ने अपनी भूमिका बदली है उन्हें सोचने की जरूरत है कि उन्होंने अपनी भूमिका को क्यों बदला। अजीत पवार की इस आलोचना जिसमें उन्होंने अमोल कोल्हे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ध्यान नहीं दिया। इस पर सांसद कोल्हे ने कहा, "जैसा कि मैंने पहले कहा था, अगर मैंने कुछ भी गलत किया तो दादा को मेरा कान पकड़ने का अधिकार था। अगर उन्हें कोई आपत्ति है, तो मैं अभी भी उनसे मिलने और इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हूं। मैंने अजित पवार के नेतृत्व में चार-साढ़े चार साल तक काम किया है। उस दौरान हमेशा उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखकर मेरा समर्थन किया है। इसलिए अब जब उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया है, तो यह मेरे लिए तुरंत उनकी आलोचना करना सही नहीं है।

हालांकि अमोल कोल्हे ने अजीत पवार को जवाब दिया है, लेकिन उनके खिलाफ कोई उग्र रुख अपनाने से परहेज किया है। अजित पवार ने कल अमोल कोल्हे पर निशाना साधते हुए कहा, सांसद कोल्हे एक साल पहले इस्तीफा देने वाले थे, उन्होंने कहा था कि राजनीति मेरे वित्त को प्रभावित कर रही है। उन्होंने मुझसे यह भी कहा था कि शिवाजी महाराज पर मेरी एक भी फिल्म नहीं चली, यह रहस्योद्घाटन अजीत पवार ने किया था। इस दावे पर अमोल कोल्हे ने उन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, अजित पवार ने शिवाजी महाराज की फिल्म का उल्लेख किया। इसमें दिल्ली दरबार शिवाजी महाराज को दक्कन का सूबेदार देने के लिए तैयार था। दक्कन क्षेत्र स्वराज्य से कई गुना बड़ा था, लेकिन महाराज ने सिद्धांत को अधिक महत्वपूर्ण माना और दिल्ली के सामने झुकने से इनकार कर दिया। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि शिवाजी महाराज पर बनी फिल्म कितनी चली, उससे ज्यादा महाराज द्वारा दिया गया सबक मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए मैंने सिद्धांतों पर कायम रहने का फैसला किया।

शरद पवार से मिलने के बाद एक्स पर किया पोस्ट

शरद पवार से मुलाकात के बाद सांसद अमोल कोल्हे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट लिखा और कहा, ''आज दिन की शुरुआत एक ऐसे जन नेता से मुलाकात से हुई, जिन्होंने जीवन भर किसानों के लिए लड़ाई लड़ी और न केवल शिरूर लोकसभा क्षेत्र बल्कि महाराष्ट्र और देश का चेहरा बदल दिया। सद्भावना बैठक की और कल 27 दिसंबर से 30 दिसंबर 2023 तक शिवनेरी किले से पुणे जिलाधिकारी कार्यालय तक किसान आक्रोश मोर्चा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। शरद पवार साहब की नीति हमेशा किसानों के पक्ष में है, इसीलिए माईबाप जनता उन्हें 'किसानों के कैवारी' के रूप में जानती है। किसानों के इस विरोध मार्च के बारे में उन्हें पहले भी बहुमूल्य मार्गदर्शन मिला था। उनका आज का दौरा किसानों के लिए और अधिक मजबूती से लड़ने के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत था। इस अवसर पर विधायक अशोक बापू पवार भी उनके साथ थे।

Created On :   26 Dec 2023 3:46 PM GMT

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