Pune City News: पुणे पुलिस कमिश्नर के पीआरओ प्रवीण घाडगे निलंबित, बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू

पुणे पुलिस कमिश्नर के पीआरओ प्रवीण घाडगे निलंबित, बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू
  • सीपी के नाम पर दबाव बनाकर मांगे 20 लाख रुपए
  • आंदेकर गैंग से सांठगांठ का भी खुलासा
  • क्राइम ब्रांच की पूछताछ से हुआ खुलासा

भास्कर न्यूज, पुणे। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार के पीआरओ के तौर पर काम कर रहे पुलिस कांस्टेबल प्रवीण घाडगे को गंभीर अनियमितताओं और पद का दुरुपयोग सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें विभागीय स्तर पर सेवा से बर्खास्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कार्रवाई गोपनीय जांच के बाद की गई है, जिसमें सामने आया कि घाडगे पद और आयुक्त के नाम का सहारा लेकर विवादित बिल्डर को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, जो सीधे तौर पर आंदेकर गैंग से जुड़ा बताया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक प्रवीण घाडगे ने पुणे पुलिस कमिश्नर के नाम का इस्तेमाल करते हुए सहायक पुलिस आयुक्त शंकर खटके पर दबाव बनाने की कोशिश की थी, ताकि आंदेकर गैंग से संपर्क में रहे बिल्डर अविनाश पवार को जमीन विवाद के एक मामले में मदद मिल सके। हालांकि, एसीपी शंकर खटके ने साफ शब्दों में किसी भी तरह की मदद से इनकार कर दिया और दबाव बनाने की जानकारी पुलिस उपायुक्त निखिल पिंगले को दी।

दरअसल, एक जमीन विवाद को लेकर कुछ पीड़ित पुणे पुलिस आयुक्तालय कार्यालय में अविनाश पवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे। आरोप है कि अविनाश पवार ने शिकायत दर्ज न हो, इसके लिए पीड़ितों पर हर तरह का दबाव बनाने की कोशिश की। इसी मामले में ‘स्टेनली’ नाम का व्यक्ति मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा था, जो सीधे तौर पर प्रवीण घाडगे के संपर्क में था।

क्राइम ब्रांच की पूछताछ से हुआ खुलासा

पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के आदेश पर क्राइम ब्रांच ने स्टेनली को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ के दौरान स्टेनली ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रवीण घाडगे ने केस को रफा-दफा कराने और समझौते के लिए 20 लाख रुपए की मांग की थी। स्टेनली ने यह भी स्वीकार किया कि वही व्यक्ति आंदेकर गैंग से जुड़े अविनाश पवार का मामला लेकर प्रवीण घाडगे तक पहुंचा था।

एक ओर जहां पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार के नेतृत्व में आंदेकर गैंग के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही थी और अवैध प्रॉपर्टी, जबरन वसूली जैसे मामलों का पर्दाफाश हो रहा था, वहीं दूसरी ओर पुलिस विभाग के भीतर बैठा प्रवीण घाडगे उसी गैंग के हित में काम कर रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि इससे पहले भी अमितेश कुमार तक प्रवीण घाडगे के खिलाफ शिकायतें पहुंच चुकी थीं, जिनमें कहा गया था कि वह सीपी के नाम पर सीधे पुलिस थानों के वरिष्ठ अधिकारियों को फोन कर मामलों को निपटाने का दबाव बनाता था।

भरोसा सेल में भेजा, लेकिन बाज नहीं आया

शिकायतों के बाद अमितेश कुमार ने पहले ही प्रवीण घाडगे का तबादला भरोसा सेल में कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद वह हरकतों से बाज नहीं आया। सूत्रों के अनुसार वह लोगों को फोन कर दावा करता रहा कि वह फिर पीआरओ पद पर लौट रहा है और मां की तबीयत खराब होने का हवाला देकर साइड पोस्टिंग की बात करता रहा। पीआरओ पद का गलत फायदा उठाकर लगातार अनैतिक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते आखिरकार पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने घाडगे को निलंबित कर दिया।

Created On :   23 Dec 2025 1:43 PM IST

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