पुणे हादसा: शऱाब के लिए नाबालिग बेटे को क्रेडिट कार्ड देने वाला पिता 24 मई तक पुलिस हिरासत में

शऱाब के लिए नाबालिग बेटे को क्रेडिट कार्ड देने वाला पिता 24 मई तक पुलिस हिरासत में
  • शराब पार्टी के लिए पिता ने दिया था क्रेडिट कार्ड
  • ड्राइवर से बेटे को कार चलाने देने के लिए कहा
  • बेटे ने 90 मिनट में उड़ाए 48 हजार

डिजिटल डेस्क, पुणे। पुणे में शराब के नशे में पोर्श कार चलाकर दो इंजीनियर्स की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी के बिल्डर पिता विशाल अग्रवाल समेत 5 को कोर्ट ने 24 मई तक हिरासत में भेज दिया है। स्थानीय कोर्ट में पुलिस ने आरोप लगाया कि पिता को पता था कि बेटा नाबालिग है, फिर भी उन्होंने बेटे को न सिर्फ 2.50 करोड़ कीमत वाली पोर्श कार दी, बल्कि पब में शराब पार्टी के लिए अपना क्रेडिट कार्ड भी दिया था। इस कार्ड से आरोपी ने 90 मिनट में 48 हजार रु. का बिल चुकाया। कार के ड्राइवर ने आरोपी को गाड़ी देने से मना किया था, लेकिन पिता विशाल के कहने पर उसने गाड़ी दी। विशाल ने ऐसा क्यों किया, इसके जवाब जानने के लिए कोर्ट ने विशाल को 2 दिन की पुलिस हिरासत में सौंपा है।

विरोध का असर... नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द, बोर्ड ने अब 5 जून तक किशोर सुधारगृह भेजा

एक दिन पहले नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 7500 हजार रु. के बॉण्ड और सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने की सजा सुनाते हुए जमानत दे दी थी। देशभर में इस फैसले का विरोध हुआ। पुणे में लोगों ने हड़ताल की तो महाराष्ट्र सरकार ने बोर्ड से फैसले पर फिर विचार करने को कहा। बुधवार को बोर्ड ने आरोपी को पूछताछ के लिए फिर बुलाया। यहां पुलिस ने बताया कि अपराध क्रूर तरीके से किया गया। आरोपी 17 साल 8 महीने का है। वह महंगी कार चलाता है। शराब पीता है और उसका व्यवहार बालिग जैसा है। इसलिए इसे भी संज्ञान में लिया जाए। इसके बाद बोर्ड ने जमानत का फैसला रद्द कर आरोपी को 5 जून तक के लिए किशोर सुधार गृह भेज दिया।

ड्राइवर को कहा था बेटे को कार चलाने दो, तुम साइड में बैठो : पुलिस व सरकारी वकील की मानें, तो नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने खुद ड्राइवर को कहा था कि बेटे को कार चलाने दो, तुम साइड में बैठो। आरोपी को पता था कि नाबालिग के पास लाइसेंस भी नहीं है। पिता को यह भी मालूम था कि बेटे ने शराब पी थी, उसके बाद भी कार चलाने दी। मार्च में कार ली गई थी, लेकिन उसमें स्टार्ट करने की समस्या थी। इसी के चलते कार का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। कार में दिक्कत होने के बाद भी बेखौफ सड़क पर चलाई जा रही थी। जब कार खराब थी तो नाबालिग बेटे को कार चलाने क्यों दी? यह दलील पुलिस की तरफ से सरकारी वकील विद्या विभूते ने न्यायालय के समक्ष रखते हुए आरोपी की सात दिनों की पुलिस कस्टडी की मांग की। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एस.पी. पोंक्षे की कोर्ट ने आरोपी को तीन दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिए।

पिता से इन 4 सवालों के जवाब मांग रही पुलिस...

1. बच्चे को पॉकेट मनी किस रूप में खर्च करने के लिए दी जाती थी? 2. जिस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ, वो सड़क पर कैसी उतरी? 3. केस दर्ज होने के बाद विशाल अग्रवाल क्यों फरार हो गया था? 4. विशाल के पास फीचर फोन मिला। स्मार्ट फोन कहां हैं?


आरोपी के दादा का डॉन छोटा राजन से कनेक्शन : नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल का कनेक्शन डॉन छोटा राजन से निकला है। 2021 में सुरेंद्र ने अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ संपत्ति विवाद निपटाने के लिए राजन से मदद मांगी थी। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इसकी भी जांच होगी।

Created On :   23 May 2024 5:57 AM GMT

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