Shahdol News: मेडिकल कॉलेज में सतत, समन्वय और समर्पण से इलाज का बड़ा उदाहरण

मेडिकल कॉलेज में सतत, समन्वय और समर्पण से इलाज का बड़ा उदाहरण
  • टूट चुकी थी उम्मीद, 21 दिन इलाज कर दिया जीवनदान
  • मेडिकल कॉलेज में लगातार 21 दिन तक चले इलाज के बाद अब पप्पू के हालत में सुधार हो रहा है।
  • डॉक्टरों की टीम ने दो दिन तक गहन इलाज किया

Shahdol News: आदिवासी बहुल जैतपुर में 25 मई को एक सडक़ हादसे में ग्राम मोहतरा निवासी 50 वर्षीय पप्पू सिंह गोंड़ गंभीर रूप से घायल हुए तो पहले उन्हे जैतपुर स्थित शासकीय अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां हालत गंभीर होने के बाद जिला अस्पताल और फिर जबलपुर रैफर किया गया। परिजन जबलपुर में रखकर दो दिन तक इलाज करवाए और फायदा नहीं होने के साथ ही आर्थिक समस्या के बाद वापस शहडोल ले आए।

यहां 31 मई को बेहोशी की हालत में शासकीय बिरसामुंडा चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) में भर्ती किया गया। डॉक्टरों की टीम ने दो दिन तक गहन इलाज किया और ज्यादा सुधार नहीं होने पर बाहर ले जाने की सलाह दी तो परिजनों ने बताया कि इलाज के लिए पैसे का इंतजाम नहीं है। परिजनों की पीड़ा देखकर डीन डॉ. जीबी रामटेके ने चिकित्सकों की टीम से समन्वय के साथ इलाज की सलाह दी।

सर्जरी विभाग के डॉ. नागेंद्र सिंह, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. जयंती लाल आर्य, डॉ. अदनान जहूर, डॉ. शफीका हारिस, डॉ. विवेक गर्ग व डॉ. आयुष गुप्ता की टीम ने सर्जिकल आईसीयू में वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखकर सतत इलाज का क्रम जारी रखा। लगातार चार दिन तक बेहोशी की हालत में इलाज चला। दो जून को ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इजहार खान ने सफल ट्रेकियोस्टोमी की जो पप्पू के ठीक होने में महत्वपूर्ण इलाज था।

मेडिकल कॉलेज में लगातार 21 दिन तक चले इलाज के बाद अब पप्पू के हालत में सुधार हो रहा है। यह मामला पप्पू के जीवित रहने की नहीं बल्कि सतत, समन्वय और समर्पण से इलाज का बड़ा उदाहरण भी है।

Created On :   23 Jun 2025 6:13 PM IST

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