Shahdol News: शहर की मुख्य सडक़ों सहित मॉडल रोड पर अतिक्रमण का साया, लगता है जाम

शहर की मुख्य सडक़ों सहित मॉडल रोड पर अतिक्रमण का साया, लगता है जाम
  • अनदेखी : दो ट्रक निकलने लायक सडक़ों में कार का निकलना भी दूभर
  • नगरपालिका की एवं निजी दुकानों का किराया तय क्षेत्र का ही लिया जाता है
  • अव्यवस्था के लिए कोई एक विभाग नहीं बल्कि यातायात, नगरपालिका और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है

Shahdol News: संभागीय मुख्यालय की यातायात व्यवस्था अराजक हो चली है। बाजार व कुछ को छोडक़र शहर की लगभग प्रत्येक सडक़ों की चौड़ाई एक साथ दो ट्रक जैसे भारी वाहनों के निकलने लायक हैं, परंतु दिन के समय बामुश्किल एक छोटी कार ही एक बार में निकल पाती है। ऐसे में जाम की स्थिति निर्मित होती है और नागरिकों का आवागमन मुश्किल हो जाता है।

इस अव्यवस्था के लिए कोई एक विभाग नहीं बल्कि यातायात, नगरपालिका और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। लगभग हर सडक़ें व फुटपाथ अतिक्रमण की चपेट में है, जो आवागमन को मुश्किल बना रहे हैं। मॉडल रोड हों अथवा अन्य रोड सभी के किनारे तक वाहनों का जमावड़ा रहता है। दुकानदार सामान सडक़ तक निकाल लेते हैं। उनके तथा खरीददारी करने आने वाले लोगों के वाहन सडक़ पर खड़े रहते हैं, ऐसे में आवागमन करने वालों को निकलने में मुश्किल होती है।

निजी जागीर बने मॉडल रोड- शहर का सौंदर्य बढ़ाने करोड़ों रुपए खर्च कर चार मॉडल रोड बनाए गए। कुछ दिनों तक ठीक रहा, लेकिन वर्तमान में एक भी मॉडल रोड अपने वास्तविक स्वरूप में नहीं है। इंदिरा चौक से लल्लू सिंह चौराहा तक मॉडल रोड फोर लेन के आकार में बनी है।

जहां से एक साथ दो बड़े वाहन एक ओर से निकल जाएं, लेकिन आधे से ज्यादा का एरिया तो पार्किग के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। गणेश मंदिर के सामने ट्रांसपोर्ट वाले तो मॉडल रोड सहित सर्विस रोड अपने कब्जे में ले रखे हैं। आगे दोनों ओर कार गैलरी व संस्थानों का पार्किंग अड्डा बना है।

मेन बाजार में फुटपाथ तक गायब- इंदिरा चौक से गांधी चौक, गांधी चौक से जय स्तंभ रोड, राजेंद्र टाकीज तिराहा से पांडवगनर रोड, गांधी चौक से सब्ती मंडी गंज रोड, सभी में दिन होते ही फुटपाथ गायब हो जाते हैं। यह सडक़ें भी इतनी चौड़ी हैं कि आवागमन आसानी से हो जाए, लेकिन दुकानें अपनी हद तोड़ते हुए सडक़ तक आ सजती हैं।

नगरपालिका की एवं निजी दुकानों का किराया तय क्षेत्र का ही लिया जाता है, लेकिन कब्जा उससे कई गुना एरिया में रहता है। इसका सबसे अधिक असर आवागमन पर पड़ रहा है। इस दिशा में संबंधित विभागों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

Created On :   18 Jun 2025 5:36 PM IST

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