Shahdol News: खटोली में शव लेकर आधा किलोमीटर पैदल चले परिजन

खटोली में शव लेकर आधा किलोमीटर पैदल चले परिजन
ब्यौहारी के धरी नंबर-2 गांव में सडक़ न होने से ग्रामीण परेशान, क्योंकि 20 साल से मांग के बाद भी नहीं बनी आधा किलोमीटर की सडक़

Shahdol News: ब्यौहारी तहसील के ग्राम पंचायत धरी नंबर-2 में बच्चों को स्कूल से छोडक़र लौट रही 39 वर्षीय गुडिय़ा साकेत मंगलवार सुबह पगडंडी में गिरी तो अचानक गंभीर रुप से घायल हो गई। परिजन उसे इलाज के लिए गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर के पास लेकर गए। वहां आधा घंटे के इलाज में गुडिय़ा की मौत हो गई। परिजन शव लेकर वापस घर लौटे तो रास्ता नहीं होने का खामियाजा एक बार फिर भुगतना पड़ा।

पगडंडी पर पैदल चलते हुए बांस के डंडे में चादर बांधकर खटोली में शव को लेकर गांव तक पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि यहां 20 साल से मांग के बाद भी सडक़ का निर्माण पूरा नहीं हुआ। बारिश के मौसम में बड़हर व पथरगड्डी टोला स्थित प्राइमरी व आंगनबाड़ी तक जाने के लिए भी बच्चों को इसी पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है। बारिश के मौसम में खेत की मेढ़ पर चलते हुए सांप-बिच्छू के काटने का भी खतरा बना रहता है।

गुडिय़ा साकेत कई दिनों से बीमार चल रही थी। गिरने के बाद उसे इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टर के पास ले जाया गया था। मौत के कारणों में पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है। सडक़ की समस्या के लिए किसानों से बात कर रहे हैं। आधा किलोमीटर सडक़ निर्माण में 24 किसानों की जमीन फंस रही है। इसमें 7 किसान जमीन देने तैयार हैं, लेकिन शेष किसान राजी नहीं हो रहे हैं।

भागीरथी लहरे एसडीएम ब्यौहारी

भाजपा कार्यकर्ता जिला पंचायत सदस्य ने जताया गुस्सा

व्यवस्था की नाकामी से परेशान भाजपा कार्यकर्ता व शहडोल के जिला पंचायत सदस्य वार्ड क्रमांक दो दुर्गेश तिवारी ने गुस्सा जताया। उन्होंने सोशल मीडिया में वीडियो पोस्ट कर कहा कि बतौर भाजपा कार्यकर्ता जब सडक़, बिजली व पानी की सुविधा प्रदान करने के लिए हम ग्रामीणों के पास जाते हैं और कई वर्षों बाद भी मांग पर अमल नहीं हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनता का सामना कैसे करेंगे।

22 गांव में ऐसी समस्या, 3 माह पहले सीएम को लिखा पत्र

जिला पंचायत सदस्य दुर्गेश तिवारी ने बताया कि उनके क्षेत्र में 22 गांव ऐसे हैं, जहां की आबादी 15 सौ से ज्यादा और सडक़ नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई से लेकर मरीजों को इलाज में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें जनकपुर, बैरिहाई, मगरदहा, चौरी, धरी नं.-2, बुड़वा, झिरिया, गोपालपुर, सामान, रमपुरवा, सुखाड़, कुम्हिया, जगमल, अनहरा, चचाई, सतखुरी, भन्नी, भमरहा द्वितीय, गाड़ा, देउरी, पपरेड़ी व बोड्डिहा शामिल हैं। इन गांव में साकेत, कोलान व दूसरी आदिवासी मोहल्ले तक सडक़ नहीं होने से ग्रामीणों की समस्या कम नहीं हो रही है।

Created On :   30 Oct 2025 6:07 PM IST

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