देवशयनी एकादशी 2023: सोने वाले हैं देव, पांच माह तक नहीं हो सकेंगे शुभ कार्य

देवशयनी एकादशी 2023: सोने वाले हैं देव, पांच माह तक नहीं हो सकेंगे शुभ कार्य

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में एकादशी का अत्यधिक महत्व है। लेकिन इनमें देव उठनी एकादशी और देवशयनी एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है देव उठनी यानी कि जब देव नींद से जागते हैं और देवशयनी यानी कि जब देव निद्रा के लिए जाते हैं। इस वर्ष देवशयनी एकादशी 29 जून, गुरुवार को है। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आने वाली इस एकादशी को आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी और पद्मनाभा एकादशी आदि नाम से भी जाना जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। जिस वजह से सभी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है। आपको बता दें, इस साल सावन माह में आधिकमास बढ़ने से भगवान विष्णु 5 महीने तक शयन में रहेंगे। वहीं देवशयनी एकादशी को लेकर मान्यता है कि देवशयनी एकादशी का व्रत करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके सभी पापों का नाश होता है। आइए जानते हैं इस एकादशी के बारे में...

देवशयनी एकादशी पूजा विधि

- देवशयनी एकादशी व्रत का आरंभ दशमी तिथि की रात्रि से ही हो जाता है।

- दशमी तिथि की रात्रि के भोजन में नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

- अगले दिन प्रात: काल उठकर दैनिक कार्यों से निवृत होकर व्रत का संकल्प करें।

- भगवान विष्णु की प्रतिमा को आसन पर आसीन कर उनका षोडशोपचार सहित पूजन करना करें।

- पंचामृत से स्नान करवाकर भगवान की धूप, दीप, पुष्प आदि से पूजा करनी करें।

- भगवान को ताम्बूल, पुंगीफल अर्पित करने के बाद मन्त्र द्वारा स्तुति करना चाहिए।

भूल कर भी न करें ये काम

1. देवशयनी एकादशी पर तुलसी पर जल न चढ़ाएं क्योंकि इस दिन तुलसी माता भी निर्जल व्रत रखती है। इस दिन तुलसी दल भी नही तोड़ना चाहिए इससे माता लक्षमी नाराज हो जाती हैं।

2. देवशयनी एकादशी पर दातुन नही करना चाहिए और साथ ही दूसरों की निंदा भी नहीं करनी चाहिए

3. देवशयनी एकादशी के दिन चावल खाना और चावल का दान करना भी गलत माना जाता है। ऐसा करने से अगले जन्म में कीड़े मकोड़े की योनी में जन्म होता है।

4. देवशयनी एकादशी के समय स्त्री प्रसंग न करें। दशमी तिथि से द्वादश तीथि तक ब्रह्मचर्य का पालन करें।

5. देवशयनी एकादशी के समय में मन में बुरे विचार न लाएं और किसी को अपशब्द न बोलें। तन के साथ मन को भी शुद्ध रखें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   28 Jun 2023 5:32 PM GMT

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