Gujarati Film: हंसाने के साथ इमोशनल करती हैं गुजराती फिल्म 'जय माताजी - लेट्स रॉक'

- फिल्म समीक्षा : जय माताजी - लेट्स रॉक
- बैनर: अमदावाद फिल्म प्रोडक्शन
- कलाकार : मल्हार, टीकू तलसानिया, वंदना पाठक, नीला मुल्हेरकर, व्योमा नांदी, शेखर शुक्ला, आर्यन प्रजापति, उत्कर्ष मजूमदार, शिल्पा ठाकर
- निर्देशक : मनीष सैनी
- निर्माता : सिद्धार्थ वड़ोदरिया, काजल वड़ोदरिया, रवींद्र संघवी, मनीष सैनी, आकाश जेएच शाह
- सह-निर्माता: सचिन पी पटेल, अचिंत ठक्कर, पार्थ पंड्या
- अवधि : 1 घंटा 58 मिनट
- रिलीज़ डेट: 9 मई 2025
- सेन्सर : यू/ए (7+)
- रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ स्टार्स
गुजराती सिनेमा ने हमेशा ही अपनी मौलिक कहानियों से दर्शकों को प्रभावित किया है, और 'जय माताजी - लेट्स रॉक' इसी परंपरा को आगे बढ़ाती है। 9 मई 2025 को रिलीज हुई यह फिल्म एक जबरदस्त फॅमिली ड्रामा है जो आपको हंसा हंसा कर लोटपोट कर देगा और साथ ही ईमोशनल सीन्स से आपकी आंखों को नम भी कर देगा। तो आइए इस रिव्यू में जानते हैं कैसी है यह फिल्म
कहानी:
फिल्म की कहानी एक 80 वर्षीय महिला के जीवन में आए अप्रत्याशित बदलाव के इर्द-गिर्द घूमती है। एक सरकारी योजना के कारण वह बुजुर्ग महिला अचानक से अमीर बन जाती है, और उसके सामने कई दिलचस्प विकल्प आते हैं- जैसे - अपने बेटों और बहुओं से बदला लेना, अपने पुराने प्यार को फिर से जगाना, एक शानदार जीवनशैली अपनाना, या वह सबकुछ पा लेने की चाहत जो पैसों की कमी के चलते नहीं मिल पाया। और इन्ही परिस्थितियों में निकलती है कॉमेडी जो आपको हंसने पर मजबूर कर देगी। साथ ही फिल्म में कि ऐसे सीन्स भी देखने को मिलेंगे जिन्हे देखकर महसूस होगा कि अरे ऐसा तो मेरे परिवार में भी हुआ था और आप सहज ही फिल्म से जुड़ जाएंगे।
निर्देशन:
निर्देशक मनीष सैनी ने फिल्म को बहुत ही कुशलता से संभाला है। उन्होंने कहानी को इस तरह से प्रस्तुत किया है कि दर्शक पूरी तरह से फिल्म के साथ जुड़ा रहता है। फ़िल्म में नाटकीयता और हास्य के बीच में संतुलन बना रहता हैं। बतौर निर्देशक कलाकारों से उन्होंने बेहतरीन अभिनय करवाया है और फिल्म में कॉमेडी और इमोशन का बैलेंस बहुत ही शानदार है। निर्देशक मनीष इस फ़िल्म एक क्षेत्रीय भाषा फिल्मों को एक वैश्विक मनोरंजन सिनेमा बनाने में कामयाब रहे हैं ।
अभिनय:
मल्हार, टीकू तलसानिया, वंदना पाठक, नीला मुल्हेरकर, व्योमा नांदी, शेखर शुक्ला, आर्यन प्रजापति, उत्कर्ष मजूमदार और शिल्पा ठाकर ने अपने-अपने किरदारों को बहुत ही सहजता से निभाया है। उनका अभिनय इतना स्वाभाविक है कि वे आपको अभिनेता नहीं, बल्कि वास्तविक लोग लगते हैं।
अन्य पहलू:
फिल्म के संवाद बहुत ही प्रभावशाली हैं। हालांकि यह एक गुजराती फिल्म है, फिर भी इसके संवाद हिंदी के करीब हैं, जिससे हिंदी भाषी दर्शक भी इसे आसानी से समझ सकते हैं। सिनेमागृह में फिल्म में अंग्रेजी सबटाइटल भी हैं।
फाइनल वर्डिक्ट
'जय माताजी - लेट्स रॉक' उन दर्शकों के लिए एक जरूरी फिल्म है जो अच्छी और पारिवारिक फिल्में देखना पसंद करते हैं और मौलिक कहानियों की तलाश में रहते हैं। इस फिल्म में कॉमेडी, ईमोशन, सामाजिक व्यंग्य,के साथ ही कलाकारों का शानदार अभिनय है। निर्देशक मनीष सैनी जय माताजी - लेट्स रॉक' गुजराती फिल्म को एक नई ऊंचाई पर लेकर जा रहे हैं यह फिल्म अपनी क्षेत्रीय भाषा की सीमाओं को लांघते हुए आउट एंड आउट मनोरंजन करने में सफल रहती है
Created On :   9 May 2025 5:19 PM IST