रोहिताश्व गौर को लगता है थियेटर उन्हें विरासत में मिला है

Rohitashwar Gaur feels theater is inherited from him
रोहिताश्व गौर को लगता है थियेटर उन्हें विरासत में मिला है
रोहिताश्व गौर को लगता है थियेटर उन्हें विरासत में मिला है
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मुंबई, 30 मार्च (आईएएनएस)। रंगमंच से जुड़े परिवार से आने वाले अभिनेता रोहिताश्व गौर का कहना है कि परिवार का अनुसरण करना उनके लिए स्वाभाविक था।

भाभी जी घर पर हैं के अभिनेता ने एक थियेटर कलाकार के तौर पर कई साल बिताए हैं।

उन्होंने कहा, अगर मैं कहता हूं कि मुझे थिएटर विरासत में मिला है, तो यह अनुचित नहीं होगा, क्योंकि मेरा पूरा परिवार थिएटर का हिस्सा रहा है। मेरे पिता (सुदर्शन गौर) ने 1955 में शिमला में ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन का नेतृत्व किया, जिसके माध्यम से हमने वहां नृत्य-नाट्य समारोह आयोजित किए। इस वर्ष, हम इस त्योहार के 65वें वर्ष का आयोजन संभवत: जून में करेंगे। हालांकि अब मेरे पिता हमारे बीच नहीं हैं, हम उनकी ओर से इस संगठन को संभालते हैं।

वहीं थियेटर को लेकर उन्होंने बताया, मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं और धन्य हूं कि मुझे रक्त कल्याण, जूलियस सीजर, खूबसूरत बहू, आषाढ़ का एक दिन जैसे कई खूबसूरत नाटकों में अभिनय करने का मौका मिला। अगर मुझे स्टेज प्ले करने का मौका मिलता है, तो मैं इसे जरूर करना पसंद करूंगा। लेकिन अब मुझे नहीं लगता कि यह मेरे लिए संभव होगा क्योंकि टीवी ने मुझे अपने कब्जे में रखा हुआ है, जिसके कारण मेरे लिए थिएटर बंद सा हो गया है।

Created On :   30 March 2020 2:01 PM IST

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